बोर्दू: वायुसेना दिवस के मौके पर भारत को आज पहला राफेल विमान मिल गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस के मेरीनेक एयरबेस में राफेल विमान को रिसीव किया. राफेल रिसीव करने से पहले राजनाथ सिंह ने कहा कि आज वायुसेना दिवस भी है और दशहरा भी है. भारतीय वायुसेना के लिए आज का यह दिन ऐतिहासिक है. ये भारत-फ्रांस के रिश्ते की गहराई को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि राफेल से वायुसेना की ताकत बढ़ेगी.


साल 2016 में भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमान का सौदा हुआ था. 2022 तक सभी विमान भारत को मिल जाएंगे. सितंबर 2019 तक इसके वायुसेना के जंगी बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है. राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद ही इसकी ताकत बढ़ जाएगी. ये दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए काफी है. दुश्मन के सीमा में घुसकर राफेल विमान वार कर सकता है. राफेल की गिनती दुनिया के सबसे ताकतवर हथियारों में की जाती है. ये हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल माइका से भी लैस है. इसके साथ ही इसमें क्रूज मिसाइल भी लगे हुए हैं.


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इसके अलावा राफेल में 1.3 एमएम की गन लगी है जो एक मिनट में 125 राउंड गोलियां फायर कर सकती हैं. राफेल विमान ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है. इसके पास एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जाने की क्षमता है. इसे भारतीय जलवायु के हिसाब से बनाया गया है. राफेल विमान पर मौजूदा वायुसेना प्रमुख राकेश भदौरिया का नाम (RB 001) लिखा हुआ है. राफेल डील में राकेश भदौरिया ने अहम भूमिका निभाई थी. जब भारत और फ्रांस के बीच करार हुआ था, उस समय जो कॉस्ट नेगोशिएशन कमेटी बनी थी उसके चेयरमैन राकेश भदौरिया थे. इसमें भारतीय वायुसेना, भारत का रक्षा मंत्रालय और फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के अधिकारी थे. राफेल बनाने वाली कंपनी ने सम्मान दिया है.



भारत को राफेल सौंपने से पहले एक फिल्म दिखाई गई. इसमें ये बताया गया कि किस तरह से इस ताकतवर फाइटर जेट को बनाया गया. इसकी खूबियों का भी इसमें जिक्र किया गया. बता दें कि पेरिस पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह फ्रेंच मिलिटरी एयरक्राफ्ट में बैठकर मेरीनेक एयरबेस पहुंचे.