Rajnath Singh On Emergency: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने रविवार (18 जून) को 47 साल पहले घोषित किए गए आपातकाल (Emergency) को याद किया. उन्होंने अपने आपातकाल के समय के संघर्ष को याद कर कुछ बातें शेयर कीं. राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्हें 23 साल की उम्र में 18 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया था.


लखनऊ में एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि छात्र जीवन से ही उनकी राजनीति में रुचि रही है. उन्होंने बताया, "मुझे अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में दिलचस्पी थी और फिर मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गया. धीरे-धीरे मैं राजनीति की ओर बढ़ता रहा". उन्होंने उपहास करते हुए कहा, "मैं कितना सभ्य युवा रहा होऊंगा कि मुझे आपातकाल के दौरान जेल में डाल दिया गया था.


जेल में बिताए दिनों को किया याद 


राजनाथ सिंह ने अपने जेल में बिताए हुए दिनों को याद करते हुए कहा, "जब आपातकाल लगाया गया था और मैं भी आंदोलन में शामिल हो गया था. मैं 18 महीने जेल में था और आईएएस को भूल गया था. जेल से बाहर आते ही मुझे पता चला कि मुझे संसद सदस्य के लिए टिकट मिल गया है. जिस दिन इस देश के राजनीतिक नेता ना कहना सीखेंगे और नौकरशाह हां कहना सीखेंगे, उस दिन से यह देश फलना-फूलना शुरू कर देगा."


बताया राजनेताओं से विश्वास उठने का कारण


राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि राजनेता हर बात के लिए हां कह रहे हैं, यहां तक कि वह भी जो वे नहीं कर सकते हैं, जिसके कारण जनता का राजनेताओं पर से विश्वास उठ रहा है. उन्होंने कहा कि किए गए काम और आपके शब्दों में अंतर नहीं होना चाहिए. यही कारण है कि जनता राजनेताओं पर भरोसा नहीं कर पा रही है. 


पीएम मोदी ने भी आपातकाल का किया जिक्र


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज 'मन की बात' के 102वें एपिसोड के दौरान आपातकाल के समय को याद किया और इसे भारत के इतिहास का एक 'काला अध्याय' बताया. पीएम ने कहा, "तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से लगाया गया 1975 का आपातकाल भारतीय इतिहास में एक "अंधकार काल" था, जिसमें लाखों लोगों ने अपनी पूरी ताकत से इसका विरोध किया."


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