Indo-Pacific Dialogue: वैश्विक समुदाय के विकास के लिए इंडो-पेसिफिक क्षेत्र जरूरी- राजनाथ सिंह
Indo-Pacific Dialogue 2022: राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक मुक्त और नियम आधारिक इंडो-पेसिफिक के साथ खड़ा है, क्योंकि यह केवल न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक समुदाय के आर्थिक विकास को बढ़ाता है.
Rajnath Singh on Indo-Pacific Dialogue: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में इंडो-पेसिफिक रीजनल डायलॉग (Indo-Pacific Regional Dialogue) को संबोधित किया. इस दौरान राजनाथ सिंह ने वैश्विक समुदाय के विकास के लिए इंडो-पेसिफिक को महत्वपूर्ण बताया. रक्षा मंत्री ने कहा कि इंडो-पेसिफिक क्षेत्र न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक समुदाय के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इंडो-पेसिफिक सदियों से व्यापार को बढ़ाने में मदद करता रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत एक मुक्त और नियम आधारिक इंडो-पेसिफिक के साथ खड़ा है, क्योंकि यह केवल ना सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक समुदाय के आर्थिक विकास को बढ़ाता है. इंडो-पेसिफिक हमेशा ग्लोबल व्यापार को बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय के लिए कई मंचों और एजेंसियों के माध्यम से काम कर रहा है, जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सबसे प्रमुख है.
इंडो-पेसिफिक के लिए खड़ा है भारत
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में इंडो-पेसिफिक पर आधारित प्रधानमंत्री के उस भाषण का भी जिक्र किया, जो उन्होंने जून 2018 में सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान दिया था. राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो-पेसिफिक के लिए खड़ा है, जो प्रगति और समृद्धि की एक आम खोज में हम सभी को गले लगाता है. उन्होंने कहा कि हमें संवाद के माध्यम से एक सामान्य नियम-आधारित व्यवस्था विकसित करने की आवश्यक्ता है.
शांति के लिए संवाद ही एकमात्र तंत्र
राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि विवादों और असहमति को सिर्फ बातचीत के जरिए ही हल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय या वैश्विक व्यवस्था में शांति बनाए रखने के लिए संवाद ही एकमात्र सभ्य तंत्र है. उन्होंने कहा कि हाल ही में बाली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि युद्ध का युग समाप्त हो गया है. दुनियाभर के नेताओं ने प्रधानमंत्री की बात का समर्थन किया है.
चुनौतियों से मिलकर काम करना जरूरी
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 महामारी और व्यापक अभाव जैसी समस्याओं का सामना कर रही है. उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि हम सभी युद्धों और संघर्षों के विनाशकारी प्रलोभन से विचलित हुए बिना मिलकर इन विशाल चुनौतियों का सामना करने के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सहयोग और भागीदारी इस पहल के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं.
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