नेपाल के साथ भारत का है अटूट रिश्ता, विवाद बैठकर सुलझाएंगे- राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने साफ किया है कि नेपाल के साथ जो भी विवाद है उसका हाल बातचीत के जरिए निकाल लिया जाएगा.
नई दिल्ली: नेपाल और भारत के बीच मानसरोवर जाने के लिए भारत द्वारा तैयार किए गए नए रास्ते को लेकर चल रहे विवाद पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ किया है कि नेपाल के साथ जो भी विवाद है उसका हाल बातचीत के जरिए निकाल लिया जाएगा. राजनाथ सिंह ने कहा कि नेपाल के लोगों में कुछ गलत फहमी जरूर हो सकती है लेकिन नेपाल और भारत का रिश्ता कभी टूट नहीं सकता.
मानसरोवर जाने वाले नए रास्ते से श्रद्धालुओं को मिलेगी बड़ी राहत
मोदी सरकार 2 के पहले साल को लेकर बीजेपी लगातार वर्चुअल रैलियां कर रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज उत्तराखंड के कार्यकर्ताओं और जनता से संवाद स्थापित करने के लिए वर्चुअल रैली की. इस रैली के दौरान राजनाथ सिंह ने मानसरोवर यात्रा के लिए भारत सरकार ने जो नया रूट तैयार किया है उसका जिक्र किया. इसके जरिए राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत सरकार के इस कदम से मानसरोवर यात्रा 6 दिन कम में पूरी की जा सकती है. राजनाथ सिंह ने बताया कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने लिपुलेख से लेकर धारचूला तक जो सड़क तैयार की है उसे कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले लोगों को बहुत सहूलियत हो जाएगी.
नेपाल के साथ भारत का है अटूट रिश्ता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसी दौरान नेपाल के साथ चल रहे विवाद का भी जिक्र किया. राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश नेपाल में इस सड़क को लेकर कुछ गलतफहमियां पैदा हुई है, लेकिन नेपाल के साथ हमारे सामाजिक, भौगोलिक और ऐतिहासिक रिश्ते ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक रिश्ते भी हैं. इतना ही नहीं हमारे आध्यात्मिक रिश्ते भी नेपाल के जुड़े हुए हैं. बाबा पशुपतिनाथ को हम भूल नहीं सकते और भला कोई उनको कैसे काशी विश्वनाथ, सोमनाथ और अमरनाथ से कैसे अलग कर सकता है. राजनाथ सिंह ने कहा कि नेपाल और भारत का संबंध ऐसा संबंध है जो दूसरे लोग चाह कर भी नहीं बदल सकते. तो ऐसे में कैसे भारत और नेपाल का रिश्ता कैसे टूट सकता है! क्योंकि यह कोई सामान्य रिश्ता नहीं है. रक्षा मंत्री ने भारत और नेपाल के बीच रिश्ते को रोटी और बेटी का रिश्ता बताया और साफ किया कि दुनिया की कोई ताकत है इस रिश्ते को तोड़ नहीं सकती.
नेपाल के साथ विवाद को बैठकर सुलझाया जाएगा
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि यदि लिपुलेख से लेकर धारचूला तक यह रोड बनने के कारण कोई गलतफहमी नेपाल के लोगों में पैदा हुई है उसका समाधान हम मिल बैठकर निकाल लेंगे, हम बातचीत के द्वारा उसका समाधान निकाल लेंगे. भारत में रहने वाले लोगों के मन में कभी भी नेपाल के लोगों को लेकर कटुता हो ही नहीं सकती.
मानसरोवर जाने वाले नए रास्ते को नेपाल अपनी जमीन पर बता रहा है
गौरतलब है कि नेपाल ने अपना एक नया नक्शा संसद से पास किया है जिसको लेकर विवाद चल रहा है. इस नक्शे में भारत के कुछ हिस्से को नेपाल ने अपना बताया है. यह वही हिस्सा है जिस हिस्से पर भारत में मानसरोवर जाने के लिए नई सड़क तैयार की है.