कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाश सिंह ने कहा, ‘’इस देश में रथ यात्राएं तो आपने कई देखी होगी. कभी चुनाव के लिए कभी राजनीतिक कारणों से, लेकिन यह रथ यात्रा सरकार बनाने या बिगाड़ने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए निकली जा रही है. यह असाधारण रथ यात्रा है.’’
उन्होंने कहा कि हम दूसरे देशों के दिलों में दहशत पैदा करने के लिए बलवान नहीं बनना चाहते. हम विश्व गुरु बनना चाहते हैं.
राजनाथ ने आगे कहा, ‘’भारत सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी राष्ट्र के रूप में बने यही हमारा संकल्प है. यह केवल भारत के शक्ति का यज्ञ नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया की शांति और स्थायित्व के लिए भी इसका आयोजन किया जा रहा है, क्योंकि भारत ही एक ऐसा मुल्क है जिसके मनुषियों ने विश्व कल्याण की बात की है.’’
बता दें कि 18 से 25 मार्च तक दिल्ली में होने वाले इस 108 कुंडीय महायज्ञ के लिए यज्ञ कुंड डोकलाम और सियाचिन समेत सीमा के मोर्चों से लाई मिट्टी और पानी से बनाए जाएंगे. इसके अलावाल चार धामों से भी मिट्टी और पानी लाया जाएगा.
यह यज्ञ लालकिले के मैदान में होगा. इस यज्ञ का आयोजन श्री श्री रविशंकर की प्रेरणा से हो रहा है.