अनजाने में पाकिस्तान में गिरी भारतीय मिसाइल के मामले में सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए देश की मिसाइलों की जांच और देखभाल से जुड़े एसओपी की समीक्षा करने का आदेश दिया है. मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को बताया कि सरकार ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए एक उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.
संसद में दिए अपने बयान में रक्षा मंत्री ने कहा कि भले ही हमारे मिसाइल सिस्टम अत्यंत सुरक्षित और भरोसेमंद हैं, लेकिन अगर उसमें किसी तरह की कोई खामी पाई जाती है तो उसे तुरंत दूर किया जाएगा. यही वजह है कि इस घटना के संदर्भ में ऑपरेशन, मेंटेनेंस और इंस्पेक्शन यानी निरीक्षण के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर यानी एसओपी की समीक्षा की जा रही है. राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपने वेपन सिस्टम्स की सेफ्टी और सिक्योरिटी को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं.
राजनाथ सिंह ने साफ तौर से कहा कि 9 मार्च को जो घटना हुई, वो मिसाइल के निरीक्षण के दौरान अनजाने में हुई थी. हालांकि उन्होंने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे मिसाइल सिस्टम बेहद सुरक्षित और भरोसेमंद हैं. हमारी सेफ्टी प्रक्रिया और प्रोटोकॉल उच्चस्तरीय हैं और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाती है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सशस्त्र-बल बेहद अनुशासित और बेहतरीन ट्रेनिंग लिए हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के मिसाइल सिस्टम को हैंडल करने का हमारी सेनाओं को एक अच्छा अनुभव है.
आपको बता दें कि 9 मार्च को भारत की एक सुपरसॉनिक मिसाइल निरीक्षण के दौरान अनजाने में पाकिस्तान के मिया चन्नू इलाके में जाकर गिर गई थी. हालांकि, इस घटना में किसी की जान तो नहीं गई थी लेकिन जिस कोल्ड-स्टोरेज पर ये जाकर गिरी थी वो पूरी तरह से तबाह हो गया था. पाकिस्तान ने इस घटना को लेकर कड़ा ऐतराज जताया था और एक साझा-जांच की मांग की थी. पाकिस्तान ने यहां तक आरोप लगा दिया था कि भारत की ये मिसाइलें कोई रॉन्ग-एलीमेंट तो हैंडल नहीं कर रहे थे.
हालांकि, भारत ने इस बात का खुलासा नहीं किया था कि ये कौन सी सुपरसॉनिक मिसाइल है लेकिन ये माना जा रहा है कि ये भारत की ब्रह्मोस मिसाइल थी.