गोरखालैंड की मांग करने वालों से राजनाथ बोले, 'हिंसा से कोई मदद नहीं मिलेगी'
दार्जीलिंग: अलग गोरखालैंड के लिए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की तरफ से किए जा रहे आंदोलन के केंद्र रहे दार्जीलिंग में कल यानी रविवार को शांति रही. लेकिन कलीमपोंग में एक सार्वजनिक पुस्तकालय और एक पुलिस वाहन को आग लगा दी गई.
जीजेएम कार्यकर्ताओं ने पार्टी के दो समर्थकों के शवों के साथ प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि उनकी मौत पुलिस गोलीबारी में हुई है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दो दिनों में दूसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की और प्रदर्शनकारियों से हिंसा का सहारा नहीं लेने के साथ किसी मुद्दे के हल के लिए बातचीत की खातिर आगे आने की अपील की है.
पुलिस ने बताया कि कलीमपोंग में एक पुस्तकालय, दो पंचायत कार्यालयों और एक पुलिस वाहन में आग लगा दी गयी. जीजेएम ने हालांकि इन घटनाओं में शामिल होने से इंकार किया और आरोप लगाया कि यह उन्हें बदनाम करने के लिए तृणमूल कांग्रेस का काम है.
प्रदर्शनकारी चौकबाजार में काले झंडे और तिरंगा लेकर जमा हुए और उन्होंने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर नारेबाजी की. उन्होंने दार्जीलिंग से तत्काल पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों को हटाने की मांग की है.
हजारों प्रदर्शनकारियों ने जीजेएम के दो कार्यकर्ताओं के शवों को लेकर भी प्रदर्शन किया और उन्हें गोरखालैंड का शहीद बताया है. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच कल हुई झड़पों के बाद पश्चिम बंगाल के इस पर्वतीय जिले में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था.
दार्जीलिंग में सुबह नौ बजे से ही इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. पुलिस के अनुसार भडकाऊ पोस्टों को रोकने तथा सोशल मीडिया पर काबू पाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
दार्जीलिंग से विधायक अमर सिंह राय ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने से रोका जा सकता था. उन्होंने कहा, मारा मानना है कि बातचीत के लिहाज से सकारात्मक माहौल बनाने के लिए दार्जीलिंग से पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को तत्काल हटाया जाना चाहिए. राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंसा का सहारा लेने से कोई मदद नहीं मिलेगी. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
उन्होंने कहा कि सभी संबंधित दलों और पक्षों को बातचीत के जरिए अपने मतभेदों को भूलकर काम करना चाहिए. सिंह ने कहा कि भारत जैसे देश में हिंसा का सहारा लेने से कोई समाधान नहीं निकल सकता और हर मुद्दे का समाधान बातचीत के जरिए हो सकता है. मुख्यमंत्री के साथ बातचीत के दौरान सिंह ने पहाडी क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की.