नई दिल्ली: कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर मंडराते संकट के बादल के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपनी सफाई में कहा कि कर्नाटक सरकार के गिरने में उनकी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है. सूबे में गठबंधन सरकार के 14 बागी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है जिससे सरकार का काउंटडाउन शुरू हो गया है.
त्याग पत्र देने का सिलसिला तो राहुल गांधी ने शुरू किया- राजनाथ सिंह
कर्नाटक में आई राजनीतिक अस्थिरता पर राजनाथ सिंह ने आज जब लोकसभा में बोलना शुरू किया तो कांग्रेस के जले पर नमक छिड़कते हुए कांग्रेस पार्टी में जारी इस्तीफों पर चुटकी लेते हुए हमलावर हुए. उन्होंने कहा, "कर्नाटक की सरकार गिराने में हम कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं. त्याग पत्र देने का सिलसिला तो राहुल गांधी ने शुरू किया है, हमारा क्या लेना देना ? हर दिन कांग्रेस के बड़े बड़े नेता इस्तीफ़ा दे रहे हैं."
इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा, "हम संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कर्नाटक में जो कुछ भी हो रहा है कि इससे हमारी पार्टी का कोई लेनादेना नहीं है. हमारी पार्टी कभी भी खरीद फरोख्त में शामिल नहीं होती."
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव भी पहुंच सकते हैं बेंगलुरु
आपको बता दें कि कर्नाटक में बागी विधायकों के इस्तीफे से कुमारस्वामी की गद्दी डोलती हुई दिख रही है. हालांकि मौजूदा सीएम अपनी कुर्सी बचाने के लिए पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं. वो बागी विधायकों को मंत्री बनाने के नए फ़ॉर्मूले पर काम कर रहे हैं और इस कड़ी में कांग्रेस के सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सीएम कुमारस्वामी को सौंप दिया है.
दूसरी तरफ कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए बीजेपी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव को देर शाम बेंगलुरु रवाना कर सकती है. फिलहाल मुरलीधर राव तेलंगाना के महबूब नगर में मौजूद हैं.
मामला क्या है?
कांग्रेस-जेडीएस के इस्तीफा देने वाले 13 विधायकों के अलावा एक निर्दलीय विधायक एच नागेश ने भी सरकार से समर्थन वापस लेकर बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया है. एच नागेश भी मुंबई के उसी होटल के लिए रवान हो गए हैं, जहां इस वक्त बागी विधायकों ने डेरा जमाया हुआ है.
कर्नाटक में 113 है सत्ता पाने का मैजिक नंंबर
कर्नाटक विधानसभा में कुल सीट 224 हैं और मैजिक नंबर 113 है. पार्टी के हिसाब से विधायकों की बात करें तो कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37, बीएसपी का एक और एक निर्दलीय विधायक हैं. कांग्रेस के कोटे से एक स्पीकर भी है. वहीं बीजेपी 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी सत्ता से बाहर है.
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