रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे. वे अपने संबोधन में आतंकवाद सहित क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और इससे निपटने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. रक्षा मंत्री के ताजिकिस्तान के अपने समकक्ष कर्नल जनरल शेराली मिर्ज़ो से भी मिलने की उम्मीद है, ताकि द्विपक्षीय और आपसी हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा की जा सके. 


राजस्थान सिंह ताजिकिस्तान के दुशांबे मंगलवार शाम को आठ देशों के प्रभावशाली संगठन एसीओ के रक्षामंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे. राजनाथ सिंह के ऑफिस ने एक ट्वीट में कहा कि एससीओ समूह के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक बैठक में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री 27 से 29 जुलाई तक दुशांबे यात्रा पर हैं. कहा गया है कि वार्षिक बैठक में एससीओ समूह के सदस्य देश रक्षा सहयोग के मुद्दों पर बातचीत करेंगे और उसके बाद एक संदेश जारी किए जाने की उम्मीद है. 






 


सितंबर 2020 में हुई थी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक 


गौरतलब है कि इससे पहले सितंबर 2020 में मास्को में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक हुई थी. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए चीन और पाकिस्तान पर जमकर कटाक्ष किया था. रक्षा मंत्री ने कहा था कि भारत आतंकवाद की सभी रूपों और इसके समर्थकों की निंदा करता है. राजनाथ सिंह ने कहा कि शांतिपूर्ण और सुरक्षित एससीओ क्षेत्र के लिए जरूरी है कि सदस्‍यों के बीच एक-दूसरे के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया जाए. इस बैठक में भारत और रूस के अलावा चीन के रक्षा मंत्री ने भी भाग लिया था. 


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