नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में आयोजित विजय दिवस परेड में शिरकत के लिए सोमवार से रूस की तीन दिनों की यात्रा करेंगे. यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत की जीत की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित होगी.


रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत और चीन के बीच बढ़ते सीमा गतिरोध के बीच हो रही है. खासकर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को 20 भारतीय जवानों के शहीद हो जाने के बाद यह यात्रा हो रही है.


रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वितीय विश्व युद्ध में मिली जीत की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 24 जून को आयोजित विजय दिवस परेड में शमिल होने के लिए मॉस्को की यात्रा करेंगे.”


अधिकारियों ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद के बावजूद सिंह यात्रा करेंगे क्योंकि रूस के साथ भारत के दशकों पुराने सैन्य संबंध हैं. रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने ट्वीट किया, “मैं सामरिक साझेदार भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षित यात्रा की कामना करता हूं जो सोमवार को मॉस्को के लिए रवाना होंगे जहां वह 24 जून को ‘ग्रेट विक्टरी डे सैन्य परेड’ के गवाह बनेंगे.”


यह परेड पहले नौ मई को होने थी लेकिन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था. मंत्रालय ने कहा, “ रक्षा मंत्री की यात्रा भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक विशेष एवं विशेषाधिकृत सामरिक साझेदारी को मजबूत करेगा.”


भारतीय सैन्य दस्ता पहुंचा मॉस्को
परेड में शामिल होने के लिए 75 सदस्यीय भारतीय सैन्य दस्ता पहले ही मॉस्को पहुंच गया है. भारतीय मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व गैलेंट सिख लाइट इंफैंट्री रेजिमेंट के मेजर रैंक के एक अधिकारी करेंगे. इस रेजिमेंट ने द्वितीय विश्व युद्ध में बहादुरी के साथ लड़ाई की थी और इसके नाम पर चार युद्ध सम्मान एवं दो सैन्य क्रॉस समेत अन्य वीरता पुरस्कार दर्ज हैं. भारतीय टीम चीन समेत कम से कम 11 देशों से भाग ले रहे सशस्त्र बलों के साथ इस परेड में हिस्सा लेगी.


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