International Conference On Defence: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार (12 अप्रैल) को रक्षा, वित्त और अर्थशास्त्र पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. इस सम्मेलन का आयोजन भारत का रक्षा मंत्रालय वित्त विभाग ही कर रहा है. 


इस सम्मेलन में देश-विदेश के प्रतिष्ठित रक्षा, वित्त और इकोनॉमी से जुड़े मुद्दे पर समझ रखने वाले प्रोफेसर्स और सरकारी अधिकारी उभरती हुई सुरक्षा चुनौतियों को लेकर चर्चा करेंगे. रक्षा मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक यूएसए, यूके, जापान, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और केन्या के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में मौजूद रहेंगे. 


क्या है इस सम्मेलन का उद्देश्य?
रक्षा, वित्त और अर्थशास्त्र पर आयोजित किए जाने वाले इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य रक्षा मामलों में इन कारकों का इस्तेमाल करके वैश्विक चर्चाओं में भाग लेना और इस विषय पर एक स्थायी खाका तैयार करना है. सम्मेलन के पीछे की वजह सहयोगी देशों के साथ मिलकर उनके टेक्निक, अनुभवों और एक्सपर्टीज यानी विशेषज्ञता का प्रसार करना है.


किस मुद्दे पर हुई बैठक?
इस सम्मेलन से रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता के सरकार के प्रयासों को बढ़ावा देना है. रक्षा विभाग की इस चर्चा में वैश्विक चुनौतियों के साथ रक्षा संसाधनों के कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से आवंटन और उपयोग को लेकर सवाल पूछे और बताए जाएंगे. इसके अलावा, चर्चा रक्षा में मानव संसाधनों के प्रबंधन पर सर्वोत्तम प्रथाओं को संबोधित करेगी, जिसमें रक्षा कर्मियों के वेतन, पेंशन और कल्याण से संबंधित मुद्दे और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर निरीक्षण तंत्र की भूमिका और कार्य शामिल हैं.


भारत जोकि दुनिया की बड़ी सैन्य ताकतों में से एक है इन दिनो दिनों अपनी सैन्य जरूरतों की पूर्ति के लिए खरीदे जाने वाले किसी भी प्रकार के उपकरण का भारत में ही निर्माण करने की नीति पर काम कर रहा है, आने वाले सालों में उसका उद्देश्य भारत में बने हथियारों का निर्यात करना भी है. इसी प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए इन दिनों रक्षा विभाग कई सम्मेलनों के जरिए विकसित रक्षा क्षमता वाले देशों के साथ काम करने का प्रयास के सिलसिले में इन सम्मेलनों का आयोजन कर रहा है. 


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