Rajnath Singh Vietnam Visit: अमेरिका, फ्रांस और रूस के बाद भारत ने अब वियतनाम के साथ लॉजिस्टिक सपोर्ट एग्रीमेंट पर करार किया है. बुधवार को वियतनाम की राजधानी हनोई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में दोनों देशों ने इस करार पर हस्ताक्षर किए. ये समझौते ऐसे समय में हो रहा है जब खबर है कि चीन भी दक्षिण-पूर्व एशियाई देश कम्बोडिया में एक खुफिया नेवल बेस तैयार कर रहा है.
भारत और वियतनाम के बीच जो म्युचियल लॉजिस्टिक सपोर्ट करार हुआ है उसके तहत दोनों देशों के युद्धपोत और विमान एक दूसरे के बेस पर बिना किसी रोक-टोक के रुक सकेंगे. विमानों की लंबी उड़ान या फिर युद्धपोतों की लंबी यात्रा के दौरान एक दूसरे देश के सैन्य अड्डों पर हॉल्ट और और रिफ्यूलिंग भी कर सकेंगे. भारत पहला ऐसा देश है जिसके साथ वियतनाम ने इस तरह का लॉजिस्टिक सपोर्ट करार किया है. हालांकि, भारत पहले ही अमेरिका, फ्रांस और रूस के साथ इस तरह के एग्रीमेंट कर चुका है.
राजनाथ सिंह वियतनाम यात्रा पर
आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों तीन दिन (8-10 जून) की वियतनाम यात्रा पर गए हुए हैं. बुधवार को रक्षा मंत्री ने वियतनाम के नेशनल डिफेंस हेडक्वार्टर का दौरा किया और वियतनाम के समकक्ष, जनरल फान वैन गियांग के साथ मुलाकात की. दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने एक ज्वाइंट विजन स्टेटमेंट ऑन इंडिया वियतनाम डिफेंस पार्टनरशिप 2030 पर हस्ताक्षर भी किए. भारत के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस विजन के जरिए दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग में एक बढ़ा इजाफा होगा.
हनोई दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम की वायुसेना को दो सिम्युलेटर गिफ्ट और आईटी लैब स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता भी करने का ऐलान किया. राजनाथ सिंह ने वियतनाम के लिए पहले से घोषित 500 मिलियन यूएस डॉलर की डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) को वियतनाम के डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में इस्तेमाल करने का आहवान किया. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने हनोई दौरे की शुरुआत वियतनाम के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रपित हो ची मिन्ह के मकबरे पर श्रद्धाजंलि अर्पित करने से की.
12 हाई स्पीड बोट्स भी भेंट करेंगे राजनाथ सिंह
अपने वियतनाम दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वियतनाम को 12 हाई स्पीड बोट्स भी भेंट करेंगे. इन बोट्स का इस्तेमाल वियतनाम अपनी समुद्री-सीमाओं की सुरक्षा के तौर पर करेगा. आपको बता दें कि जिस तरह भारत का चीन के साथ एलएसी विवाद चल रहा है उसी तरह से वियतमाम का लंबे समय से चीन के साथ समुद्री-सीमाओं को लेकर विवाद चल रहा है.
वियतनाम को दी जाने वाली बोट्स का निर्माण एल एंड टी कंपनी ने भारत द्वारा वियतनाम को दिए 100 मिलियन डॉलर के डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) की मदद से किया है. इन बोट्स को बनाने का करार वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वियतनाम दौरे के दौरान हुआ था. उस दौरान दोनों देशों के बीच में सामरिक-साझेदारी स्थापित हुई थी.
वियतनाम की सेना के ट्रेनिंग सेंटर का दौरा करेंगे राजनाथ सिंह
वियतनाम के नेशनल डिफेंस मिनिस्टर, जनरल फान वैन गियांग के निमंत्रण पर दक्षिण-पूर्व एशियाई देश जा रहे हैं. अपनी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वियतनाम की सेना के ट्रेनिंग सेंटर का दौरा भी करेंगे. इसके अलावा रक्षा मंत्री वियतनाम की टेलीकॉम्युनिकेशन यूनिवर्सिटी में आर्मी सोफ्टवेयर पार्क का उदघाटन भी करेंगे जिसके लिए भारत ने 5 मिलियन यूएस डॉलर का अनुदान दिया था. राजनाथ सिंह वियतनाम में भारत की दूतावास द्वारा आयोजित कम्युनिटी कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे जिसमें भारतीय मूल के लोग भी शामिल होंगे.
आपको बता दें कि इस साल भारत और वियतनाम के बीच राजनयिक-संबंधों के 50 साल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में रक्षा मंत्री की वियतनाम यात्रा बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है. क्योंकि रक्षा सहयोग, साझा मिलिट्री एक्सरसाइज, डिफेंस डायलॉग और नौ सेनाओं के बीच सहयोग दोनों देशों के बीच एक मजबूत आधार है. वर्ष 2016 से भारत और वियतनाम के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी भी स्थापित हो चुकी है.
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