नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लद्दाख दौरा टल गया है. ऐसा क्यों हुआ इसकी वजह पता नहीं चल पाई है. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे की नई तारीख का जल्द ऐलान किया जाएगा. रक्षा मंत्री के साथ थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी लेह जाने वाले थे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीधे सेना की 14वी कोर ('फायर एंड फ्यूरी') के मुख्यालय पहुंचने वाले थे. वहां लेह कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन से चल रही तनातनी के बारे में एक प्रेजंटेशन के जरिए पूरी जानकारी भी देने वाले थे. साथ ही 30 जून को चीनी सैन्य कमांडर से हुई बैठक में डिसइंगेजमेंट और डी-एस्कलेशन के लिए बनी सहमति के बारे में भी बातचीत करने वाले थे.


इस बीच खबर है कि चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कोर कमांडर स्तर की मीटिंग में चरणबद्ध तरीके से डिसइंगेजमेंट और डी-एस्कलेशन पर बनी सहमति का स्वागत किया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इससे भारत-चीन सीमा पर स्थिति सुधरेगा और सैनिकों के बीच तनातनी ('तापमान') भी कम होगा.


आपको बता दें कि मंगलवार को हुई बैठक में दोनों देशों की सेनाएं सैनिकों को विवादित इलाके से पीछे करने और सैनिकों की संख्या कम करने पर राजी हो गए हैं. लेकिन ये डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया एक बेहद जटिल और लंबी प्रक्रिया है और इसके लिए अभी सैन्य और राजनयिक स्तर पर अभी और मीटिंग की जरूरत है.


मंगलवार को करीब 12 घंटे तक चली बैठक


बता दें कि मंगलवार को भारत और चीन के कमांडर स्तर की वार्ता करीब 12 घंटे तक चली. दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि तनाव को घटाया जाए. सेना के सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. पूर्वी लद्दाख में सात सप्ताह से दोनों सेनाओं के बीच बढ़े तनाव को खत्म करने के मकसद से कमांडर स्तरीय वार्ता हुई है.



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