Rajpath Name History: 'राजपथ' का नाम 'कर्तव्य पथ' रखा जा सकता है. 5 सितंबर को ये जानकारी केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पुनर्विकसित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenue) का उद्घाटन करेंगे. अधिकारियों ने कहा कि कुछ हिस्से 8 सितंबर, 2022 की शाम को उद्घाटन समारोह के बाद खोले जाएंगे, लेकिन इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक के पूरे खंड को 9 सितंबर, 2022 को जनता के लिए खोले जाने की संभावना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने लाल किले की प्राचीर से गुलामी की हर चीज से मुक्त होने की बात कही थी. इसके बाद से राजपथ (Rajpath) का नाम बदलने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे. सूत्रों की मानें तो 7 सितंबर को एनडीएमसी (NDMC) की एक अहम बैठक होने वाली है. माना जा रहा है कि इस मीटिंग में ही सरकार के इस फैसले पर मुहर लगा दी जाएगी.
क्या आपको पता है राजपथ का इतिहास?
चलिए अब आपको राजपथ के इतिहास (Rajpath History) के बारे में बताते हैं. राजपथ दिल्ली का शाही मार्ग है. यह प्रसिद्ध राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर विजय चौक, इंडिया गेट होते हुए दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय तक जाता है. यह भारतीय गणतंत्र का समारोह मार्ग है. भारत के सबसे महत्वपूर्ण मार्गों में होने के साथ यह पेड़ों, तालाबों और हरे लॉन से दोनों ओर से घिरा है.
कभी किंग्स वे के नाम से जाना जाता था राजपथ
भारत की आजादी से पहले राजपथ को 'किंग्स वे' (Kings Way) के नाम से जाना जाता था. यह पश्चिम में राष्ट्रपति भवन से विजय चौक होकर पूर्व में इंडिया गेट होकर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम तक जाता था. आपको बता दें कि आजादी से पहले किंग्स वे पर सिर्फ राजाओं और ब्रिटिश अधिकारियों को ही जाने की इजाजत होती थी.
अंग्रेजों ने किंग जॉर्ज V के सम्मान में 'राजपथ' का नाम 'किंग्स वे' रखा था. किंग जॉर्ज V साल 1911 में दिल्ली दरबार में हिस्सा लेने के लिए आए थे. बताया जाता है कि इसी वक्त दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया था और इससे पहले भारत की राजधानी कोलकाता हुआ करती थी. इस वक्त इस किंग्स वे का मतलब राजा का रास्ता से था.
कैसे बदला नाम?
इस बात से तो हम सब वाकिफ हैं कि 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हो गया था. आजादी के बाद भारत में काफी बदलाव देखने को मिला. कई स्थानों से अंग्रेजों के नामों को हटाया गया और कई जगहों को आम नागरिकों के लिए खोला गया. इसमें राजपथ भी शामिल था. भारत की आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू ने शपथ ली. 1955 में उन्होंने किंग्स वे का नाम बदला और राजपथ कर दिया.
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