Rajsthan Election: गहलोत के पसंदीदा वो तीन चेहरे जिन पर फंसा पेंच, जानें क्यों राजस्थान में कांग्रेस की कैंडिडेट लिस्ट में हो रही देरी
Rajsthan Congress Candidates: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी दो नेताओं को टिकट देने या नहीं देने को लेकर गहन चर्चा चल रही है. इसकी वजह से ही उम्मीदवारों की घोषणा में देरी हो सकती है.
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Rajsthan Election Congress Candidates Decision: राजस्थान सहित देश के पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने की कवायद में जुट गए हैं. कांग्रेस मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों की घोषणा तो कर दी है. हालांकि राजस्थान के लिए पार्टी ऐसी कोई घोषणा नहीं कर पाई है. इसकी वजह है कि पार्टी की प्रदेश इकाई में उम्मीदवारों के चयन को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में तीन कांग्रेस उम्मीदवारों और दो वरिष्ठ मंत्रियों सहित अशोक गहलोत के करीबी विश्वासपात्रों के नामों पर अनिश्चितता बनी हुई है. इन नेताओं पर पिछले साल एक महत्वपूर्ण विधायक दल की बैठक में विधायकों के बहिष्कार के लिए जिम्मेदार माना गया था. पार्टी ने टिकट देने को लेकर एकजुट नहीं है.
100 उम्मीदवारों का हो चुका है चयन
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (एआईसीसी पोल पैनल) द्वारा बुधवार (18 अक्टूबर ) को हुई महत्वपूर्ण बैठक में 100 उम्मीदवारों की लिस्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है. इसके बावजूद, राजस्थान में उम्मीदवारों की सूची घोषित होने में 20 अक्टूबर तक देरी होने की संभावना है.
इन नेताओं की उम्मीदवारी पर हो रहा मंथन
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सीएम अशोक गहलोत के विश्वासपात्र और मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को उम्मीदवार बनाने अथवा नहीं बनाने को लेकर गंभीर चर्चा हुई. इन तीनों के खिलाफ पार्टी में प्रतिकूल रिपोर्टों के बावजूद, गहलोत उन्हें कैंडिडेट लिस्ट में बनाए रखने पर जोर दे रहे हैं, जबकि पार्टी के विचार कुछ और हैं. इसलिए इन तीनों नेताओं के नाम उम्मीदवारों के लिए पेंडिंग सूची में डाल दिए गए हैं.
राहुल गांधी ने एक नाम पर जताई आपत्ति
कथित तौर पर बैठक में तीनों में से एक वरिष्ठ नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर चर्चा हुई, जो भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान चरण के दौरान लगाए गए थे. सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी ने जिन 106 नामों पर चर्चा हुई उनमें से केवल एक पर आपत्ति जताई.
सूत्रों ने बताया कि दिलचस्प बात यह है कि एआईसीसी सचिव धीरज गुर्जर का नाम भी लंबित सूची में डाल दिया गया है. गुर्जर यूपी कांग्रेस के प्रभारी हैं और पार्टी के शीर्ष स्तर के नेताओं के खास हैं.
सर्वे एजेंसियों की पर भी चर्चा
बुधवार की बैठक में चर्चा के दौरान विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन के लिए सर्वे करने वाली एजेंसियों पर भी विमर्श हुआ. सर्वे रिपोर्ट में मौजूदा विधायकों में से अधिकतर को टिकट नहीं देने की सिफ़ारिश की गई है. पार्टी के कई शीर्ष नेताओं ने सर्वेक्षण रिपोर्टों की विश्वसनीयता पर भी टिप्पणी की. कांग्रेस ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, एमपी में उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को सीईसी की बैठक की थी.
उम्मीदवारों के पक्ष में क्या है अशोक गहलोत का तर्क
अब पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पेंडिंग सूची में डाले गए चार नेताओं के भाग्य का फैसला करेगा. संभावना है कि सीएम गहलोत पार्टी आलाकमान के साथ उनके लिए आखिरी प्रयास कर सकते हैं. सीएम हाल के दिनों में यह तर्क देते हुए अधिकांश विधायकों को सूची में बनाए रखने की वकालत कर रहे हैं कि कांग्रेस की राज्य सरकार उनके समर्थन के कारण अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. उन्होंने दागी नेताओं के ख़िलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को पार्टी के खिलाफ भाजपा-आरएसएस की एक चाल बतायी है.
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