Rajya Sabha: राज्यसभा में एक बेहद ही अजीबोगरीब मामला देखने को मिल रहा है. संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में मनोनीत सदस्यों की दो सीटें 20 महीने से ज्यादा वक्त से खाली हैं. हालांकि, इसकी वजह से विधायी कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं देखने को मिला है, लेकिन उच्च सदन में इतने लंबे समय तक सीटों का खाली रहना काफी हैरानी भरा लगता है. सरकार चाहे तो बड़ी आसानी से इन दोनों ही सीटों को भरने के लिए दो उपयुक्त उम्मीदवारों को चुन सकती है. 


केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति के जरिए राज्यसभा के लिए मनोनीत सदस्यों को नामांकित किया जाता है. साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान रखने वाले 12 सदस्यों का नाम केंद्र सरकार राष्ट्रपति के पास भेजती है, जिन्हें राज्यसभा भेजा जाता है. नामांकित कैटेगरी के तहत 7 सीटें अप्रैल-मई 2022 से खाली पड़ी थीं. हालांकि, इन 7 सीटों में से 5 भर चुकी हैं, लेकिन मई 2022 से ही दो सीटें अभी तक खाली पड़ी हुई हैं. इनके लिए कोई नाम भी नहीं दिया गया है. 


किन पांच लोगों को 2022 में भेजा गया राज्यसभा? 


राष्ट्रपति के जरिए नामांकित कर मनोनीत सदस्यों के तौर पर जिन पांच लोगों को राज्यसभा भेजा गया. उसमें पीटी उषा (एथलीट), डीवी हेगड़े (सामाजिक कार्यकर्ता), वी विजेंद्र प्रसाद (स्क्रीनराइटर-डायरेक्टर) और इलैयाराजा (म्यूजिक कंपोजर) शामिल हैं. इन चार लोगों को तो जुलाई 2022 में ही राष्ट्रपति ने नामांकित कर राज्यसभा भेजा. हालांकि, पांचवें मनोनीत सदस्य गुलाम अली थी, जिन्हें राष्ट्रपति ने सितंबर 2022 में नामांकित कर राज्यसभा भेजा. 


मनोनीत सदस्यों के पास क्या शक्तियां होती हैं? 


मनोनीत सदस्यों के पास संसद के निर्वाचित सदस्यों के बराबर ही शक्तियां और विशेषाधिकार होते हैं. वे किसी अन्य सदस्य की तरह की राज्यसभा की कार्यवाही में भाग लेते हैं. हालांकि, उनके पास राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग का अधिकार नहीं होता है. मगर वे भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोट कर सकते हैं. मनोनीत सदस्य चाहें तो राज्यसभा सदस्य बनने के छह महीने के भीतर किसी राजनीतिक पार्टी को ज्वाइन कर सकते हैं. वर्तमान में 10 मनोनीत सदस्यों में से पांच बीजेपी से हैं. 


राम शाकाल, राकेश सिन्हा, सोनल मानसिंह, महेश जेहमलानी और गुलाम अली ने राज्यसभा सदस्य बनने के बाद बीजेपी ज्वाइन किया. गुलाम अली सितंबर 2028 में रिटायर होंगे, जबकि अन्य चार लोग इस साल जुलाई में रिटायर हो रहे हैं. पांच अन्य मनोनीत सदस्य जो नामांकित होने के बाद किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुए, उनमें रंजन गोगोई (भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश), पीटी उषा, डीवी हेगड़े, वी विजयेंद्र प्रसाद और इलैयाराजा शामिल हैं.


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