Monsoon Session: राज्यसभा में मंगलवार को एक बार फिर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और इसी दौरान यह हंगामा इस कदर बढ़ गया कि सदन की कार्रवाई बार-बार स्थगित करनी पड़ी. इन सबके बीच सत्तारूढ़ पक्ष के सांसदों और सरकार के मंत्रियों ने कहा कि सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी हंगामा थमा नहीं और विपक्षी सांसदों का हंगामा और ज्यादा बढ़ गया.
मॉनसून सत्र के आखिरी हफ्ते के दूसरे दिन भी संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. राज्यसभा में तो हंगामा इतना ज़्यादा रहा कि सदन की कार्यवाही लगातार स्थगित होती रही. विपक्षी सांसद सदन मे किसानों और पीगैसस कथित जासूसी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर लगातार नारेबाजी करते रहे.
दोपहर लंच के बाद तो तमाम विपक्षी सांसद काले रंग के कपड़ों में भी सदन के अंदर नजर आए. विपक्षी सांसदों का कहना था कि सरकार उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही और जनता से जुड़े हुए मुद्दों पर चर्चा से भाग रही इस वजह से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
राज्यसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा
दोपहर 3 बजे उपसभापति के आसन की तरफ से सदन में मौजूद सांसद को बताया गया कि राज्यसभा के चेयरमैन की तरफ से सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं को मुलाकात और बैठक के लिए न्योता दिया गया है और उसके बाद सदन की कार्यवाही 4 बजे तक स्थगित हो गई. जिस दौरान यह जानकारी दी जा रही थी कई सांसद वेल में मौजूद थे और जोर-जोर से नारेबाजी कर रहे थे.
सदन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद तस्वीर और ज्यादा बदल गई. बीजेपी के सांसदों और मंत्रियों के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक राज्यसभा की कार्रवाई जैसे की स्थगित हुई उसके बाद तो विपक्षी सांसदों का यह हंगामा और ज़्यादा बढ़ गया. कुछ विपक्षी सांसद तो कुर्सी और मेज के ऊपर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे और एक विपक्षी सांसद ने तो रूल बुक उठाकर सभापति के आसन की तरफ भी फेंक दी.
प्रवेश वर्मा ने किया वीडियो ट्वीट
इन सबके बीच बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने भी एक वीडियो ट्वीट कर विपक्षी नेताओं के समय पर सवाल खड़े किए. प्रवेश वर्मा द्वारा ट्वीट किए गए उस वीडियो में तमाम विपक्षी दलों के सांसद एक साथ खड़े और नारेबाजी करते हुए नजर आ रहे हैं. इसी वीडियो में दिख रहा है कि कुछ सांसद टेबल पर बैठे हुए हैं तो एक विपक्षी सांसद एक किताब फेंकते हुए नजर आ रहे हैं. यह वीडियो ट्वीट करते हुए बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने लिखा कि "लोकतंत्र के मंदिर संसद में दिशाहीन कांग्रेस एन्ड गैंग का चरित्रहीन मुखोटा देखिये."
हालांकि विपक्षी दलों के सांसदों का कहना है की प्रदर्शन करने वालों का अधिकार है लेकिन सदन की कार्रवाई के दौरान अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो यह चेयर को देखना चाहिए. लेकिन विपक्षी सांसद बार-बार यही दोहरा रहे हैं कि उनका विरोध करने का तरीका बिल्कुल ठीक था और उसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था. क्योंकि वह जिन मुद्दों को लेकर चर्चा करना चाह रहे हैं सरकार उन पर विस्तृत चर्चा के लिए तैयार नहीं तो ऐसे में यह सिर्फ सरकार का विरोध करने का एक तरीका भर था.
कुल मिलाकर संसद के मॉनसून सत्र में बस आखिरी के 3 दिन बचे हैं और फिलहाल अब तक कोई भी ऐसा दिन नहीं गुज़रा जब सदन की कार्रवाई ढंग से चल सकी हो. हालांकि सरकार ने राज्यसभा से कुछ बिल तो जरूर पास करवाए हैं लेकिन विपक्ष उस तरीके पर भी सवाल खड़े करता रहा है. विपक्ष का आरोप है कि यह बिल बिना किसी चर्चा के सरकार ने अपनी जोर जबरदस्ती से पास करवाए हैं. कुल मिलाकर संसद का मॉनसून सत्र जिस उद्देश्य के साथ और जनहित के मुद्दों पर चर्चा को लेकर बुलाया गया था फिलहाल अब तक वह देखने को नहीं मिला है और इस सब के बीच जनता का करोड़ों रुपए भी बर्बाद हो चुका है.
ये भी पढ़ें:
राज्यों को OBC Lists तैयार करने का अधिकार देने संबंधी संविधान संशोधन बिल लोकसभा से पास
Amarinder Meets Amit Shah: अमित शाह से मिले पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह, बताया किन मुद्दों पर हुई बात