वोटिंग से पहले ही राज्यसभा में NDA ने छुआ बहुमत का आंकड़ा, निर्विरोध चुने गए 12 सदस्य
Rajya Sabha Election: राज्यसभा में 245 सीटें हैं. लेकिन फिलहाल 8 सीटें खाली हैं. जिनमें चार जम्मू-कश्मीर और 4 मनोनीत सदस्यों की हैं. सदन की वर्तमान ताकत 237 है, इसलिए बहुमत का आंकड़ा 119 है.
Rajyasabha Election: सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन मंगलवार (27 अगस्त) को राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े पर पहुंच गया. राज्यसभा सदन के लिए होने वाले उपचुनाव की वोटिंग से पहले ही बीजेपी के 9 और सहयोगी दलों के 2 सदस्य निर्विरोध चुने गए. ऐसे में नौ सदस्यों के साथ, बीजेपी की ताकत 96 हो गई है, जिससे राज्यसभा में एनडीए के सदस्यों की संख्या अब बढ़कर 112 हो गई है.
निर्विरोध चुने गए तीन अन्य सदस्यों में एनडीए के सहयोगी एनसीपी के अजित पवार गुट और राष्ट्रीय लोक मंच के एक-एक सदस्य शामिल हैं. इसके अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए को छह मनोनीत और एक स्वतंत्र सदस्य का भी समर्थन मिला हुआ है. इसके साथ ही कांग्रेस का भी एक सदस्य निर्वाचित हुआ. दरअसल, राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं. इसमें से फिलहाल, 8 सीटें रिक्त हैं. जिसमें से चार जम्मू-कश्मीर से और चार मनोनीत सदस्यों के लिए रहेगी. हालांकि, सदन की वर्तमान ताकत 237 है, इसलिए बहुमत का आंकड़ा 119 है.
BJP के 9 उम्मीदवारों ने निर्विरोध दर्ज की जीत
वहीं, 9 राज्यों की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले ही बीजेपी के 9 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं. इनमें असम से मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धिर्य शील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और राजीव शामिल हैं. जबकि, त्रिपुरा से भट्टाचार्जी हैं.
तेलंगाना से निर्विरोध निर्वाचित हुए कांग्रेस कैंडिंडेट अभिषेक मनु सिंघवी
इसके अलावा कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से निर्विरोध निर्वाचित हुए. साथ ही एनसीपी के अजित पवार गुट के नितिन पाटिल महाराष्ट्र से और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित कर लिए गए हैं.
अब NDA को बहुमत पाना हुआ आसान
ऐसे में राज्यसभा में बहुमत प्राप्त करने के लिए एनडीए एक दशक से कोशिश में लगा हुआ है, जिससे विवादास्पद विधेयकों को पारित करना उसके लिए आसान हो जाएगा. वहीं, पिछले कुछ सालों में इंडिया गठबंधन की भारी मौजूदगी के चलते अक्सर राज्यसभा में विवादास्पद सरकारी विधेयकों को रोके रखा है.
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