Jagdeep Dhankhar On Winter Session Conclusion : संसद का शीतकालीन सत्र संपन्न हो गया है. यह आखिरी सत्र चार दिसंबर से शुरू हुआ था और इसे शुक्रवार यानी 22 दिसंबर तक चलना तय था. संसद की सुरक्षा में सेंध लगने के बाद विपक्षी सांसदों के हंगामे के बाद 146 सांसदों के निलंबन से यह सत्र चर्चा में बना रहा.
लोकसभा के साथ उच्च सदन राज्यसभा में भी हंगामा कम नहीं रहा. राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ की मिमिक्री से लेकर सदस्यों के सस्पेंशन तक, पर पूरे देश में हंगामा होता रहा है.
जगदीप धनखड़ ने कहा- यूजफुल रहा यह सत्र
इधर संसद के सत्र के समापन के बाद राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा है कि यह सत्र काफी यूजफुल रहा है. उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद लोकसभा और राज्यसभा से महिलाओं के आरक्षण के लिए बिल पास किए जाने की भी सराहना की.
राज्यसभा में 17 विधेयक पारित
संसद सत्र के समापन के बाद जगदीप धनखड़ ने अपने एक बयान में कहा है कि
इस सत्र में लोकसभा ने कुल 18 तो राज्यसभा ने 17 विधेयक पारित किए. प्रमुख विधेयकों में तीन आपराधिक विधेयकों (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम) के साथ जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति विधेयक, दूरसंचार विधेयक, डाकघर विधेयक, प्रेस और पीरियोडिकल्स रजिस्ट्रेशन विधेयक आदि प्रमुख रहें.
राज्यसभा में हुआ 79 फीसदी कामकाज
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान उच्च सदन की उत्पादकता 79 प्रतिशत रही. उनके बयान के मुताबिक इस सत्र में उच्च सदन ने कुल 14 बैठकों के दौरान क़रीब 65 घंटे तक काम किया और 2,300 से अधिक सवालों के जवाब दिए गए. इस दौरान 4,300 से अधिक कागजात पटल पर रखे गए.
" राष्ट्र निर्माण में खास होने वाला है 2024"
संसद सत्र के समापन पर अपने बयान में राज्यसभा के सभापति के तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सभी को क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाएं दी है. उन्होंने कहा है, "मैं आशवस्त हूं कि केवल मैं ही नहीं बल्कि बहुत ऐसे लोग हैं जिन्हें इस बात की उम्मीद है कि 2024 समग्र राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा. इसके साथ ही सदन भी सकारात्मक रोल अदा करता रहेगा."