कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता का दर्जा दिया गया है. राज्यसभा चेयरमेन ने मंगलवार को उन्हें प्रतिपक्ष के नेता के तौर पर मान्यता दी. यह आज तत्काल प्रभाव से लागू हो गया. इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद राज्यसभा में विपक्ष का नेता थे और उनका राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म हो गया.


कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले दलित नेता खड़गे 2014 से 2019 के बीच लोकसभा में कांग्रेस के नेता रह चुके हैं. बड़ी बात यह है कि खड़गे साल 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे. इसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया था. वह हाल ही में राज्यसभा के सदस्य के तौर पर चुनकर आए हैं.





खड़गे पिछली लोकसभा में कांग्रेस के सदन में नेता थे. कर्नाटक में कांग्रेस के विभिन्न सरकारों में मंत्री रह चुके 77 वर्षीय खड़गे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं विधानसभा नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं. उनके पुत्र प्रियंक खड़गे वर्तमान में विधायक हैं.


गौरतलब है कि मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म बिदर जिले में 21 जुलाई 1942 को हुआ था. खड़गे की पढ़ाई-लिखाई गुलबर्गा में हुई और उसके बाद उन्होने वकाली की डिग्री हासिल की. कर्नाटक की राजनीति में लंबं अनुभव रखने वाले खड़गे साल 1969 में कांग्रेस में शामिल हुए थे.


इसके बाद खड़गे गुलबर्गा के कांग्रेस शहर अध्यक्ष बना और उसके बाद 1972 में पहली बार वह विधायक चुने गए थे. इसके बाद खड़गे 2008 तक लगातार नौ बार विधायक चुने गए. उसके बाद साल 2009 में गुलबर्गा लोकसभा सीट जीतकर संसद पहुंचे थे. उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार मे रेल, श्रम व रोजगार मंत्री की जम्मेदारी सौंपी गई थी.