Gender Neutral Language: राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान अक्सर 'नो सर' (No Sir) शब्द सुनाई पड़ता था. अब शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) की मांग पर राज्यसभा सचिवालय ने इस शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. यह फैसला प्रियंका द्वारा संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को लिखे गए एक पत्र के जवाब में आया.
इस पत्र में प्रियंका चतुर्वेदी ने 'नो सर' जैसे वाक्यांशों के इस्तेमाल को बदलने की मांग की थी, जो अक्सर सदन में जवाब देने के समय बोला जाता है. 8 सितंबर को अपने पत्र में महाराष्ट्र की सांसद ने पुरुष प्रधान भाषा में बदलाव के लिए मांग रखी थी. उन्होंने कहा था कि यह सभी को एक छोटा बदलाव लग सकता है, लेकिन इससे महिलाओं को संसदीय प्रक्रिया में उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा.
'छोटा कदम, बड़ा अंतर'
राज्यसभा सचिवालय का फैसला आने के बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है. उन्होंने लिखा - 'छोटा कदम, बड़ा अंतर. मंत्रालयों से लेकर महिला सांसदों तक के सवालों के जवाब में संसद में पुरुष प्रधान भाषा को दूर करने के लिए राज्यसभा सचिवालय को धन्यवाद. अब से जवाब मंत्रालयों की ओर से जेंडर न्यूट्रल होंगे'.
जेंडर न्यूट्रल होंगे संसदीय प्रश्नों के जवाब
प्रियंका चतुर्वेदी के पत्र पर राज्य सभा सचिवालय ने जवाब दिया कि "राज्य सभा में परंपरा और प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के अनुसार, सदन की सभी कार्यवाही सभापति को संबोधित की जाती है और संसदीय प्रश्नों के उत्तर भी कार्यवाही का एक हिस्सा होते हैं. हालांकि, मंत्रालयों को राज्यसभा के अगले सेशन से संसदीय प्रश्नों के जेंडर न्यूट्रल उत्तर देने करने के लिए सूचित किया जाएगा.
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