नई दिल्ली: राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव नौ अगस्त को होगा. उम्मीदवारों को 8 आगस्त को 12 बजे तक अपना नामांकन करना है. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के उपसभापति वेंकैया नायडू ने आज राज्यसभा में इस बात का एलान किया. घोषणा के बाद अब इसपर राजनीति गरमाना तय है. सदन में संख्याबल किसी के पक्ष में नहीं होने के चलते अब नज़र इस बात पर होगी कि पद के लिए चुनाव होता है या फिर किसी के नाम पर आम सहमति बनती है. अटकलें लग रही हैं कि अगर चुनाव होता है तो बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही अपनी सहयोगी पार्टियों पर दांव खेलेंगी. चुनाव की घोषणा के साथ ही अब राजनीतिक गलियारे में उन नामों को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैस जो दोनों तरफ से सम्भावित उम्मीदवार हो सकते हैं.


विपक्ष की ओर से चार उम्मीदवारों के नाम की चर्चा

जेडीयू के सांसद और वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश एनडीए से उम्मीदवार होंगे. हरिवंश के नाम को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच शुरुआती बातचीत हो चुकी है. वहीं विपक्ष की ओर से फिलहाल चार उम्मीदवारों के नाम की चर्चा हो रही है. इनमें एनसीपी की वंदना चौहान, डीएमके के तिरुचि शिवा, बीजेडी के प्रसन्ना आचार्य और के टी एस तुलसी के नाम शामिल हैं. इन नामों पर चर्चा के लिए आज सभी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक भी हुई.

राज्यसभा के उपसभापति के तौर पर पी जे कुरियन के पिछले महीने रिटायर होने के बाद से ही इस पद के चुनाव को लेकर कयास लग रहे थे. चर्चा ये तक होने लगी थी कि सरकार इस सत्र में चुनाव नहीं करवाएगी. मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने ये एलान तो किया था कि इस सत्र में इस पद के लिए चुनाव होगा, लेकिन अभी तक इसपर सरकार की ओर से कोई बड़ी पहल नहीं हुई थी. इसकी एक बड़ी वजह है राज्यसभा में दलगत स्थिति जिसमें एनडीए संख्या के आधार पर थोड़ी कमज़ोर दिखाई पड़ रही है.

पहले जानें क्या है बहुमत का जादुई आंकड़ा?

राज्यसभा में वर्तमान में 244 सांसद ही वोट करने की स्थिति में हैं. ऐसे में किसी भी दल को जीतने के लिए 123 सीटें मिलनी जरूरी हो जाती हैं. वर्तमान में राज्यसभा में एनडीए के पास 115 सीटें हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बीजेपी के पास 73 सीटें हैं.  वहीं यूपीए के पास 113 सीटें हैं. जिनमें कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 50 सीटें हैं. वहीं अन्य दलों के पास राज्यसभा में 16 सीटें हैं. इनमें सबसे ज्यादा नौ सीटें बीजेडी के पास हैं.

कौन हैं NDA के राज्यसभा उपसभापति चुनाव के उम्मीदवार हरिवंश?

यूपीए को चाहिए दो दलों का समर्थन

इस स्थिति में अगर बीजेडी के 9 सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में अपना वोट डाला तो एनडीए के पास (115+9) 124 सीटें हो जाएंगी जो बहुमत से एक सीट ज्यादा होगी. वहीं अगर बीजेडी यूपीए को अपना समर्थन देती है तो यूपीए के पास (113+9) 122 सीटें हो जाएंगी. ऐसी स्थिति में यूपीए को बहुमत के लिए एक सीट की और जरूरत होगी. ऐसे में बीजेडी के समर्थन के अलावा यूपीए को किसी और दल से भी समर्थन की दरकार होगी.

हालांकि दोनों पक्ष चुनाव की जगह आम सहमति की बात कर रहे हैं. आम सहमति के दावों के बावजूद चुनाव होने की संभावना ज्यादा है. ऐसे में दोनों पक्ष इन चार दलों को अपने अपने पाले में करने में लगी हैं जो फिलहाल तटस्थ हैं. इसी के मद्देनज़र यूपीए की कोशिश बीजेडी को अपने पाले में करने की कोशिश में हैं. इसीलिए विपक्ष बीजेडी के प्रसन्ना आचार्य को उम्मीदवार बनाने की कोशिश कर रहा है, ताकि बीजेडी का समर्थन हासिल हो सके. हालांकि अभी तक बीजेडी ने कोई हामी  नहीं भरी है और सूत्रों के मुताबिक पार्टी अपना उम्मीदवार खड़ा करना नहीं चाहती.

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