कृषि बिल: राज्यसभा में हंगामे से लेकर आठ सांसदों के सस्पेंड होने की पूरी कहानी
जिन आठ सांसदों पर कार्रवाई हुई है उनमें कांग्रेस के तीन, सीपीआई (एम) के दो, टीएमसी के दो और आप के एक सांसद हैं.
नई दिल्ली: रविवार को राज्यसभा में भारी हंगामा देखने को मिला. यहां तक की उप सभापति की माइक तोड़ने की भी कोशिश की गई. उप सभापति के सामने ही रूल बुक फाड़ दी गई. ये पूरा वाकया कल राज्यसभा में कृषि सुधार विधेयक पेश होने के दौरान हुआ. हालांकि भारी हंगामे के बीच ये विधेयक राज्यसभा से पास हो गया.
हंगामा करने वाले आठ सांसदों पर हुई कार्रवाई
सोमवार को हंगामा करने वाले आठ सांसदों पर कार्रवाई की गई और सभी को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. इनमें कांग्रेस के तीन, सीपीआई (एम) के दो, टीएमसी के दो और आप के एक सांसद हैं.
इन सांसदों पर हुई कार्रवाई
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव, सैयद नासिर हुसैन, रिपुन बोरा और सीपीआई (एम) से केके रागेश और एल्मलारान करीम के नाम हैं.
सभापति वैंकेया नायडू बोले- ये व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण
हंगामें पर सभापति वैंकेया नायडू ने आज कहा कि ये राज्यसभा के लिए सबसे खराब दिन था. कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका. माइक को तोड़ दिया. रूल बुक को फेंका गया. इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं. नायडू ने कहा कि उपसभापति को धमकी दी गई. उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई. उन्होंने कहा, ‘'सांसद का ये व्यवहार बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. मैं सांसदों को सुझाव देता हूं, कृपया थोड़ा आत्मनिरीक्षण कीजिए.'’
आठ सासंदों पर कार्रवाई होने के बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद वी मुरलीधरन ने कहा कि निलंबित सदस्यों को सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है. सदन गैर-सदस्यों की उपस्थिति के साथ काम नहीं कर सकता है. इस पर उप सभापति हरिवंश ने कहा, “राज्यसभा के सभापति ने जिन सदस्यों का नाम लिया मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे सदन की कार्यवाही में भाग न लें.”
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