Rajya Sabha Election 2022: जयपुर से लेकर उदयपुर तक हाई वोल्टेज ड्रामा, कांग्रेस ने ACB से तो बीजेपी ने ED से की 'हॉर्स ट्रडिंग' की शिकायत
कांग्रेस ने चुनाव में हार्स ट्रेडिंग की संभावना जताते हुए एसीबी में शिकायत की तो बीजेपी ने विधायकों को सरकार से प्रलोभन मिलने का अंदेशा जताते हुए चुनाव आयोग और प्रवर्तन निदेशालय को शिकायत दी.
Rajya Sabha Election 2022: राजस्थान (Rajasthan) में इन दिनों राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) होने हैं. राज्यसभा की इन सीटों पर उपचुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही जयपुर से लेकर उदयपुर (Udaipur) तक हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा बाजी बढ़ती दिख रही है. इस ड्रामेबाजी में कांग्रेस (Congress) और बीजेपी के साथ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे सुभाष चंद्रा भी शामिल है.
कांग्रेस ने सबसे पहले चुनाव में हार्स ट्रेडिंग की संभावना जताते हुए एसीबी में शिकायत की तो बीजेपी ने सरकारी संसाधनों के बेजा इस्तेमाल और विधायकों को सरकार से प्रलोभन मिलने का अंदेशा जताते हुए चुनाव आयोग और प्रवर्तन निदेशालय को शिकायत दी.
सुभाष चंद्रा को वोट देंगे बीजेपी विधायक
वहीं बीजेपी की वोटों के सहारे चुनाव मैदान में कूदे निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को बीजेपी के सरप्लस तीस वोट मिलना तय है और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल अपने तीन विधायकों के वोट सुभाष चंद्रा को देने का ऐलान कर चुके हैं. इस तरह सुभाष चंद्रा के खाते में 33 वोट तो तय हैं लेकिन अब उनको जीते के लिए कुल 41 नोट चाहिए. इसलिए सवाल ये है कि जीत के लिए आखिर बचे 8 वोट कहां से आएंगे.
मंगलवार को चंद्रा मीडिया से मुखातिब हुए और अपनी जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि उनको कांग्रेस के आठ विधायक क्रॉस वोटिंग करके वोट देंगे. सुभाष चंद्रा ने दावा किया कि उनको अपनी जीत नजर आ रही है और वो देश की सबसे बड़ी पंचायत राज्यसभा में राजस्थान और राजस्थानियों की आवाज बुलंद करेंगे.
नंबर गेम को लेकर निश्चिंत दिखे सीएम अशोक गहलोत ?
वहीं चंद्रा के दावों के इतर कांग्रेसी खेमा और खासकर सीएम अशोक गहलोत नंबर गेम को लेकर काफी निश्चिंत दिखे. गहलोत अपनी पार्टी के तीनों प्रत्याशियों की जीत को लेकर जादुई आंकड़े से कही ज़्यादा वोट होने का दावा कर रहे है. वैसे कांग्रेस की उदयपुर में चल रही बाड़ाबंदी में मौजूद विधायकों की संख्या भी गहलोत के दावे को सही ठहरा रही है. आज बीटीपी के दो विधायक भी गहलोत के समर्थन में आ गए हैं.
किस पाले में बैठेंगे निर्दलीय विधायक ?
सभी तेरह निर्दलीय पहले से ही बाड़ाबंदी में मौजूद हैं और बीएसपी से कांग्रेस में आए आधा दर्जन विधायक दो दिन पहले ही उदयपुर पहुंच चुके हैं. ऐसे में सवा सौ विधायक साफ तौर पर कांग्रेस के पलड़े में नज़र आ रहे हैं. ऐसे में निर्दलीय सुभाष चंद्रा का दावा ऊपरी तौर पर ज्यादा मजबूत तो नजर नहीं आ रहा है. खैर ये बात तो नतीजे में ही साफ हो जाएगी कि गहलोत का जादू चला या सुभाष चंद्रा का दावा लेकिन इस पूरे ड्रामे में बीजेपी के पास खोने के लिए कुछ ज्यादा नहीं है.
चंद्रा की हार में भी कैसे बीजेपी को नहीं मिलेगा नुकसान ?
बीजेपी के एकमात्र अधिकृत प्रत्याशी घनश्याम तिवारी की जीत तय है क्योंकि तिवारी को पार्टी के कुल 71 विधायकों में से पहली वरीयता के 41 वोट मिलने तय हैं. बाकी बचे तीस वोट निर्दलीय सुभाष चंद्रा को मिलेंगे. लेकिन सुभाष चंद्रा की हार से बीजेपी का कुछ घटने वाला नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि सुभाष चंद्रा निर्दलीय प्रत्याशी है लेकिन बीजेपी ने उनको समर्थन देकर राज्यसभा उप चुनाव को मतदान तक तो ला ही दिया. अगर सुभाष चंद्रा मैदान में नहीं होते तो कांग्रेस को सीधे-सीधे वॉक ओवर मिल जाता जो बीजेपी नहीं चाहती थी.
बीजेपी ने क्यों लिखा निर्वाचन आयोग को क्यों लिखा पत्र ?
इसी कड़ी में अब बीजेपी ने इस उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग और प्रवर्तन निदेशालय को भी शिकायत की है. बीजेपी में मंगलवार को अपने कई विधायकों के हस्ताक्षर वाले पत्र चुनाव आयोग और प्रवर्तन निदेशालय को भेज दिए गये हैं. चुनाव के दौरान राज्य की कांग्रेस सरकार के द्वारा सत्ता का दुरुपयोग करने, विधायकों को प्रताड़ित और प्रभावित करने के लिए आचार संहिता के दुरुपयोग और हॉर्स ट्रेडिंग की संभावनाओं के तहत काले धन के दुरुपयोग को रोकने के क्रम में बीजेपी ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है.
हार्स ट्रेडिंग रोकने के लिए ईडी ने क्यों लिखा बीजेपी समेत अन्य पार्टियों को पत्र ?
इसी तरह चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना के तहत काले धन के दुरुपयोग को रोकने के क्रम में प्रवर्तन निदेशालय को भी बीजेपी ने पत्र भेजा है. वैसे बीजेपी को एक अन्य चिंता भी सता रही है. करीब पांच साल पुराने एक मामले को लेकर बीजेपी की केशोरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. मेघवाल के खिलाफ ये मुकदमा पिछली बीजेपी सरकार के वक्त दर्ज हुआ था जिसे लेकर उन्हें कोटा के महावीर नगर थाना पुलिस ने नोटिस भेज दिया है.
मेघवाल को मंगलवार को पुलिस (Rajasthan Police) के सामने पेश होना था लेकिन वो जयपुर (Jaipur) में बीजेपी (BJP) की बाड़ाबंदी में है इसलिए कोटा नही पहुँची. अब ये भी मुमकिन है कि चुनाव के मतदान से पहले विधायक मेघवाल (MLA Meghwal) की गिरफ्तारी भी हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी और सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) के लिए थोड़ी मुश्किल तो हो ही सकती है.