Rajya Sabha Election: बंगाल, गुजरात और गोवा की 10 राज्यसभा सीटों पर 24 जुलाई को होंगे राज्यसभा चुनाव
Rajya Sabha Elections: पश्चिम बंगाल, गोवा, गुजरात में राज्यसभा 24 जुलाई चुनाव 2023 को होंगे और वोटों की गिनती भी इसी दिन शाम 5 बजे शुरू होगी.
Rajya Sabha Election Date: राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 24 जुलाई को चुनाव होना तय हो गया है. इनमें पश्चिम बंगाल की 6, गुजरात की 3 और गोवा की 1 सीट शामिल है. पश्चिम बंगाल में डोला सेन, डेरेक ओब्रायन, प्रदीप भट्टाचार्य, सुष्मिता देव, सुखेंदु शेखर रे और शांता छेत्री का कार्यकाल 18 अगस्त को खत्म हो जाएगा.
इसके अलावा गुजरात में विदेश मंत्री एस जयशंकर, दिनेश जेमलभाई अनावडीया और लोखंडवाला जुगल सिंह माथुरजी का कार्यकाल भी 18 अगस्त को समाप्त हो रहा है. गोवा में विनय तेंदुलकर का कार्यकाल 28 जुलाई को खत्म होने जा रहा है.
राज्यसभा चुनाव का पूरा शेड्यूल
चुनाव के लिए अधिसूचना 6 जुलाई को जारी की जाएगी. नामांकन की अंतिम तिथि 13 जुलाई होगी और उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 17 जुलाई होगी. मतदान और मतगणना 24 जुलाई को होगी.
Biennial Elections to the Council of States to fill the seats of members retiring between July-August will be held on 24th July, as per ECI. https://t.co/vtjXFJzzrg pic.twitter.com/R366MXnkTX
— ANI (@ANI) June 27, 2023
एक सीट पर उपचुनाव
चुनाव आयोग (EC) ने पश्चिम बंगाल की एक सीट पर उपचुनाव के लिए भी इसी कार्यक्रम की घोषणा की, जो 11 अप्रैल को तृणमूल कांग्रेस के सांसद लुइज़िन्हो जोआकिम फलेरियो के इस्तीफे से खाली हो गई थी. उनका कार्यकाल 2 अप्रैल, 2026 तक वैध था.
राज्यसभा की वोटिंग प्रकिया
राज्यसभा सांसद के चुनाव के लिए प्रदेश के विधायक वोट करते हैं. राज्यसभा में कोई आरक्षण नहीं होता है. राज्यसभा में 2003 से एक नियम बना दिया गया है कि राज्यसभा के लिए मतदान गुप्त मतदान नहीं होते बल्कि ओपन बैलेट होते हैं.
इसका मतलब यह है कि जब MLA वोट करता है तो उसके लिए अपनी पार्टी के प्रतिनिधि को वोट दिखाना जरूरी है वरना उसका वोट निरस्त कर दिया जाता है. केवल निर्दलीय पर यह लागू नहीं होता है लेकिन जितने पार्टी के MLA हैं उनपर यह नियम लागू होता है.
कैसे होती है वोटिंग?
राज्य सभा में सदस्यों का चुनाव राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की तरफ से किया जाता है. नामांकन फाइल करने के लिए न्यूनतम 10 सदस्यों की सहमति होना जरूरी होता है. सदस्यों का चुनाव सिंगल ट्रांसफरेबल वोट की तरफ से निर्धारित कानून से होता. इसके अनुसार राज्य की कुल विधानसभा सीटों को राज्यसभा की सदस्य संख्या में एक जोड़ कर उसे डिवाइड किया जाता है फिर उसमें 1 जोड़ दिया जाता है.
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