Rajya Sabha Election: अखिलेश यादव के पीडीए के सामने बीजेपी का PDA भारी! क्या पल्लवी पटेल ने बिगाड़ दिया खेल?
Rajya Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव के पीडीए कार्ड के सामने बीजेपी का पीडीए मजबूत है.
BJP Vs Samajwadi Party: राज्यसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) कार्ड की चर्चा है. यह मुद्दा अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल के पीडीए को लेकर बयान के बाद सुर्खियों में है और सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर हलचल देखी जा रही है. यहां तक कहा जा रहा है कि पल्लवी पटेल राज्यसभा चुनाव में सपा का खेल बिगाड़ सकती हैं.
दरअसल, समाजवादी पार्टी के तीन उम्मीदवारों आलोक रंजन, जया बच्चन और रामजी लाल सुमन को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में उतारा है. इनमें रामजीलाल सुमन को छोड़कर बाकी दो उम्मीदवार पीडीए से ताल्लुक नहीं रखते हैं.
समाजवादी पार्टी के इन उम्मीदवारों को लेकर हाल में सपा विधायक पल्लवी पटेल ने नाराजगी जताई थी और यहां तक कहा कि वह सपा के पक्ष में वोट नहीं देंगी.
क्या कहा पल्लवी पटेल ने?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राज्यसभा चुनाव में आलोक रंजन और जया बच्चन को उम्मीदवार बनाने के समाजवादी पार्टी के फैसले से नाराज पल्लवी पटेल ने कहा कि वह अपना वोट नहीं डालेंगी. उन्होंने बुधवार (14 फरवरी) को कहा था, ''हम पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) की बात कर रहे हैं. रंजन और बच्चन पीडीए में नहीं हैं. मैं इस 'धोखे' के खिलाफ अपना वोट नहीं देने जा रही हूं.''
बीजेपी का पीडीए कैसे भारी?
माना जा रहा है कि बीजेपी ने सपा का पीडीए समीकरण देखते हुए अपना पीडीए दुरुस्त कर कर लिया था. कुमार विश्वास को बीजेपी से राज्यसभा टिकट मिलने की अटकलें थीं लेकिन उन्हें मैदान में नहीं उतार गया. कुमार विश्वास को उम्मीदवार बनाए जाने से बीजेपी के पीडीए समीकरण के बिगड़ने का जोखिम था क्यों कि फिर दो ब्राह्मण उम्मीदवार हो जाते. बीजेपी पर ब्राह्मणवाद का आरोप भी लग सकता था. बीजेपी उम्मीदवारों में चार ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) से आते हैं, जबकि सपा के उम्मीदवारों में से एक भी ओबीसी से नहीं है, हालांकि, अखिलेश की लिस्ट मेंं पीडीए का डी यानी दलित चेहरा जरूर शामिल है.
क्या है समीकरण?
यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव होना है. एनडीए ने आठ उम्मीदवार उतारे हैं और सपा गठबंधन ने तीन उम्मीदवार बनाए हैं. इस प्रकार 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. इससे मुकाबला रोमांचक हो गया है. माना जा रहा है कि बीजेपी के पास आठवें प्रत्याशी के जीत दिलाने के लिए पर्याप्त वोट नहीं हैं और वहीं सपा के तीसरे उम्मीदवार के लिए अतिरिक्त मत की जरूरत होगी और अगर पल्लवी पटेल ने सपा के पक्ष में मतदान नहीं किया तो उसे दो वोट और चाहिए होंगे.
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं. वहीं, सदन में बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 जबकि निषाद पार्टी के छह सदस्य हैं. रालोद के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का एक सदस्य है. चार सीटें खाली हैं. मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे.
(भाषा इनपुट के साथ)