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राज्यसभा की 56 सीटों के लिए नामांकन खत्म, ज्यादातर सांसद चुने जाएंगे निर्विरोध लेकिन इन सीटों पर फंसेगा पेच

Rajya Sabha Election: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और मनसुख मांडविया सहित कई लोगों का कार्यकाल खत्म हो रहा है.

Rajya Sabha Election 2024: राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिए गुरुवार (15 फरलरी, 2024) को नामांकन दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गई. बीजेपी के अध्यक्ष जे पी नड्डा और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अधिकांश उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना है. 

जिन राज्यों की राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें उत्तर प्रदेश की 10, महाराष्ट्र, बिहार की छह, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश की पांच, गुजरात, कर्नाटक की चार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और ओडिशा की तीन-तीन और उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश की एक-एक सीट शामिल हैं. 

नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 20 फरवरी है. आवश्यकता पड़ने पर वोटिंग 27 फरवरी को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा और मतगणना उसी दिन शाम पांच बजे से होगी. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की ओर से जीत की संभावना के अतिरिक्त (संख्या बल के हिसाब से) एक-एक उम्मीदवार ज्यादा उतारे जाने से इन राज्यों में मुकाबला रोचक हो गया है. 

बीजेपी ने यूपी से किसको मैदान में उतारा
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के आठ उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री आर पी एन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, राज्य में पार्टी के महासचिव अमरपाल मौर्य, राज्य की पूर्व मंत्री संगीता बलवंत, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह, आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन, स्थानीय उद्योगपति और पूर्व सपा नेता संजय सेठ शामिल हैं. 

बीजेपी के सात प्रत्याशियों ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया था. सपा के तीन उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन पत्र भरे थे. 

उतर प्रदेश में किसके पास कितनी सीटें?
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं. सदन में बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 जबकि निषाद पार्टी के छह सदस्य हैं. आरएलडी के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक सदस्य है.

उप्र में राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिये 37 वोट चाहिए. 403 सदस्यों वाली उप्र विधानसभा में इस समय कुल 399 सदस्य हैं.  सेठ के मैदान में उतरने से यहां मुकाबला रोचक हो गया है. 

सोनिया गांधी क्या बोलीं?
राजस्थान से राज्यसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करने वाली सोनिया गांधी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को एक भावुक पत्र लिखा और बताया कि वह स्वास्थ्य और उम्र संबंधी परेशानियों के कारण आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं. 

बीजेपी के चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौर ने राज्य की अन्य दो सीटों के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है. 

महाराष्ट्र से किसे बनाया उम्मीदवार?
महाराष्ट्र से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को मैदान में उतारा है. कांग्रेस छोड़ने के अगले ही दिन वह बीजेपी में शामिल हुए थे. इसके अगले ही दिन उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया गया था. शिवसेना ने मिलिंद देवरा को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने पिछले महीने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस ने चंद्रकांत हंडोरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने प्रफुल्ल पटेल को उम्मीदवार बनाया है. 

किनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है?
संसद के ऊपरी सदन में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मौजूदा सदस्यों की संख्या 114 हैं. इसमें बीजेपी के 93 सदस्य शामिल हैं. कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं, जो दूसरी सबसे ताकतवर पार्टी है. 50 सदस्य दो अप्रैल को और छह तीन अप्रैल को सेवानिवृत्त होंगे.

जिन सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मनसुख मांडविया और वी मुरलीधरन एवं बीजेपी के अनिल बलूनी और सुशील कुमार मोदी शामिल हैं. 

बीजेपी की क्या रणनीति है?
बीजेपी ने कई वरिष्ठ नेताओं और निवर्तमान राज्यसभा सांसदों को राज्यसभा चुनाव के इस दौर में फिर से नामित नहीं किया है. ऐसे संकेत है कि पार्टी इनमें से कुछ को आगामी लोकसभा चुनाव में उतार सकती है.

बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन को क्रमश: ओडिशा और मध्य प्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में फिर से नामित किया है. 28 निवर्तमान सांसदों में से बीजेपी ने केवल चार नड्डा, दो केंद्रीय मंत्रियों और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को फिर से उम्मीदवार बनाया है.  वैष्णव 2019 में बीजेडी के समर्थन से संसद के उच्च सदन के लिए चुने गए थे और ओडिशा में सत्तारूढ़ पार्टी ने बुधवार को उन्हें फिर से समर्थन दिया.

हिमाचल प्रदेस में होगा कड़ा मुकाबला
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने सागरिका घोष, सुष्मिता देव, मोहम्मद नदीमुल हक और ममता बाला ठाकुर को मैदान में उतारा है जबकि बीजेपी ने समिक भट्टाचार्य को मैदान में उतारा है. 

हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने नामांकन दाखिल किया. हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए अब सीधा मुकाबला होने की संभावना है क्योंकि बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री हर्ष महाजन को सिंघवी के खिलाफ मैदान में उतारा है. बीजेपी के कदम ने सिंघवी के निर्विरोध राज्यसभा में निर्वाचित होने की कांग्रेस की आशा को धूमिल कर दिया. 

कर्नाटक में क्या गणित है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी एक अंतराल के बाद तेलंगाना से राज्यसभा में वापसी करेंगी. चौधरी (69) दो बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा की सदस्य रह चुकी हैं. एम अनिल कुमार यादव को भी इस दक्षिणी राज्य से मैदान में उतारा गया है जहां पार्टी दिसंबर में सत्ता में आई थी.

पिछले साल हरियाणा से राज्यसभा का चुनाव लड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को कांग्रेस ने पार्टी शासित कर्नाटक से उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने यहां सैयद नसीर हुसैन को भी फिर से उम्मीदवार बनाया है, जो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में समन्वयक हैं. यह कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य के रूप में हुसैन का दूसरा कार्यकाल होगा. कर्नाटक से कांग्रेस नेता जी सी चंद्रशेखर को पार्टी ने फिर से उम्मीदवार बनाया है.

कर्नाटक में बीजेपी और जनता दल (सेकुलर) गठबंधन ने राज्यसभा चुनाव के लिए दूसरा उम्मीदवार मैदान में उतारने के बाद मुकाबला रोचक हो गया है क्योंकि गठबंधन संख्याबल के अनुसार चार में से केवल एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकता है.  राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के तहत कर्नाटक की चार सीट पर 27 फरवरी को चुनाव होना है जिसके लिए विधानसभा सदस्य मतदान करेंगे. 

राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 सदस्य हैं. पार्टी को सर्वोदया कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनियाह के साथ-साथ दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है जिनके बल पर वह तीन सीट पर अपना कब्जा बरकरार रख सकती है. 

वहीं, बीजेपी और जद(एस) के क्रमश: 66 और 19 सदस्य हैं और वे केवल एक सीट जीतने की स्थिति में है.  कांग्रेस ने बिहार इकाई के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह को राज्य से फिर से उम्मीदवार बनाया है. आरजेडी ने घोषणा की कि मनोज कुमार झा और संजय यादव बिहार में राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे. 

कौन लोकसभा चुनाव लड़ सकता है?
मध्य प्रदेश से मुरुगन के अलावा बीजेपी ने दलित संत उमेश नाथ महाराज, पिछड़ा वर्ग की महिला नेता माया नरोलिया और किसान नेता बंशीलाल गुर्जर को मैदान में उतारा है. 
कांग्रेस ने पार्टी की राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह को नामित किया, जिन्होंने आज भोपाल में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित राज्य के शीर्ष एनडीए नेताओं की मौजूदगी में जेडीयू के संजय कुमार झा, बीजेपी के भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए.

छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए बीजेपी के देवेंद्र प्रताप सिंह ने नामांकन पत्र दाखिल किया. 

गुजरात में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों पुरुषोत्तम रूपाला और मांडविया को टिकट नहीं दिया जिन्होंने 2018 का चुनाव इसी राज्य से जीता था.  उनके आगामी लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारे जाने की संभावना है.  नड्डा के अलावा पार्टी ने राज्य से अपने नेताओं जसवंत सिंह परमार, मयंक नायक और हीरा कारोबारी गोविंद ढोलकिया को मैदान में उतारा है. 

ये भी पढ़ें- दिल्ली-पंजाब के बाद कहां पैर पसार सकती है आम आदमी पार्टी, लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के घर में सेंध लगाने को तैयार

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