लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में बीजेपी की तरफ से 9वें उम्मीदवार की घोषणा के बाद राज्यसभा का चुनाव खासा दिलचस्प हो गया है. आखिरी वक्त में चले गए बीजेपी के इस बाउंसर से बीएसपी के कैंडिडेट की राह में मुश्किल आ सकती है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय का कहना है कि उनके अतिरिक्त एमएलए अनिल अग्रवाल का समर्थन करेंगे. अनिल अग्रवाल गाज़ियाबाद में शैक्षिक संस्थान चलते हैं.


दरअसल, देश के 16 राज्यों में 58 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं, जिनमें 10 सीटें उत्तर प्रदेश की हैं. आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी स्पष्ट तौर पर 10 में से 8 सीटें जीत रही हैं और उसके बाद उसके पास 28 एमएलए के वोट बाकी रह जाते हैं.


एक सीट पर एसपी जीत रही है, जबकि एक सीट पर किसी के पास पूरे आंकड़े नहीं हैं. एसपी ने बीएसपी का समर्थन का एलान किया है. लेकिन मैदान में अनिल अग्रवाल के होने से मुकाबले ने अलग रुख अख्तियार कर लिया है.


सीटों का गणित क्या है?


उत्तर प्रदेश में एक राज्यसभा सीट के लिए 37 विधायकों के वोट की जरूरत है. बीजेपी और उनके गठबंधन के कुल 324 एमएलए हैं. 296 विधायकों की मदद से बीजेपी 8 सीटों पर जीत हासिल कर रही है. इसके बाद 28 विधायक के वोट बाकी रह जाते हैं. इसी तरह एसपी के पास 47 विधायक हैं और उनकी एक राज्यसभा सीट पक्की है. इस तरह एसपी के 10 विधायकों के वोट बाकी बच जा रहे हैं.

बीएसपी के पास सिर्फ 19 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 7 विधायक हैं. अगर एसपी के 10 विधायकों को जोड़ लें तो बीएसपी को कुल 36 विधायकों का समर्थन मिल रहा है. इस तरह एक सीट की कमी रह जाती है. निषाद और आरएलडी के पास एक-एक विधायक हैं और इनके विधायक किसी का भी खेल बिगाड़ सकते हैं.