Election In 4 States: राज्यसभा का चुनाव (Rajya Sabha Election) अभी चल रहा है. जिन 57 सीटों पर चुनाव चल रहा है उनमें से 41 सीटें भर गई हैं. 15 राज्यों में से 11 राज्यों में सांसद (MP) निर्विरोध चुन लिए गए हैं. अब बाकी बचे 4 राज्य महाराष्ट्र (Maharashtra), राजस्थान (Rajasthan), हरियाणा (Haryana) और कर्नाटक (Karnataka) की 16 सीटों पर चुनाव होने हैं ये चुनाव 10 जून को होने वाले हैं. इनमें महाराष्ट्र की 6 सीटें, राजस्थान और कर्नाटक की 4-4 सीटें और हरियाणा की 2 सीटों पर चुनाव होना है. ये चुनाव इतना आसान होने वाला नहीं है. इस चुनाव के लिए सभी पार्टियों को डर सता रहा है. इसीलिए छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों (Independent MLA) के भाव इस समय चढ़े हुए हैं.
सभी पार्टियों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं हमारी पार्टी के विधायक गायब न हो जाएं तभी इन विधायकों को सेफ हाउस और महंगे होटल्स में रखा जाता है. तो आइए समझते हैं इन 4 राज्यों में किसकी कहानी कहां पर फिट बैठती और छोटी पार्टियां और निर्दलीय विधायकों की क्यों चांदी हो जाती है.
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव होना है और सात उम्मीदवार मैदान में हैं. विधानसभा के संख्या बल को अगर देखा जाए तो महाविकास आघाड़ी की तीन सीटों पर जबकि बीजेपी 2 सीटों पर जीत सकती है. यहां की छठी सीट के लिए ही हाईवोल्टेज ड्रामा होना है. छठे उम्मीदवार के रूप में महाविकास अघाड़ी के संजय पवार और बीजेपी के धनंजय महादिक में है. इसी सीट के लिए रस्साकसी का माहौल हो चुका है. अब समीकरणों की बात करें तो महाराष्ट्र में बीजेपी 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. शिवसेना के पास 55 विधायक हैं कांग्रेस के 44 और एनसीपी के 54. किसी उम्मीदवार के जीतने के लिए 42 वोट चाहिए. अपने आधिकारिक उम्मीदवार को जिताने के बाद कांग्रेस के पास 2 सरप्लस वोट बचेंगे. एनसीपी के पास 12 सरप्लस वोट हैं जो उसने शिवसेना को देने का वादा किया है. सेना के पास 13 सरप्लस वोट बचेंगे. सबको मिला दें तो MVA के सरप्लस वोट 27 होते हैं मतलब उसे बाहर से 15 वोट जुटाने होंगे. महाविकास अघाड़ी को छोटे दलों और निर्दलीयों से उम्मीद है.
राजस्थान
मीडिया बैरन सुभाष चंद्रा के राजस्थान से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उतारने से समीकरण बदल गए हैं. चंद्रा को बीजेपी का परोक्ष समर्थन है. बसपा ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है कि वे चंद्रा को वोट करें. ऐसे में अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस उन्हें उदयपुर ले आई है. सत्ताधारी कांग्रेस के लिए टेंशन का सबब है G-6 समूह. इनमें बसपा के चार और कांग्रेस के दो विधायक शामिल हैं. बसपा के विधायक जीते तो पार्टी के चुनाव चिन्ह पर थे मगर बाद में कांग्रेस के साथ आ गए थे. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के पास 71 सीटें हैं जबकि कांग्रेस 108 सीटों पर काबिज है. बीजेपी को उम्मीद है कि 13 निर्दलीय, तीन RLP विधायक और दो BJP विधायक चंद्रा को वोट करेंगे तो वह जीत जाएंगे. कांग्रेस ने अपने विधायकों को उदयपुर में जमा किया है तो बीजेपी जयपुर में कैंप लगाने की सोच रही है. वहां के एक होटल में 6 जून से विधायक पार्टी के बड़े नेताओं की देखरेख में रहेंगे. बीजेपी इसे 'ट्रेनिंग कैंप' बता रही है मगर होटल में अरुण सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर को नजर रखने के लिए तैनात किया है.
कर्नाटक
कर्नाटक की 4 सीटों पर चुनाव होने हैं जिसमें एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 45 वोट चाहिए. बीजेपी के पास 121 विधायकों का समर्थन है और तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो वहीं कांग्रेस के पास 70 विधायकों के समर्थन के साथ 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसके साथ जेडीएस 32 विधायकों के समर्थन के साथ एक सीट पर चुनाव लड़ रही है.
हरियाणा
यहां निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मीडिया उद्यमी कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) की एंट्री से राज्यसभा की दूसरी सीट का मुकाबला चैलेंजिंग हो गया है. कांग्रेस के अजय माकन (Ajay Maken) को तगड़ी फाइट मिल रही है. माकन जीत सकते हैं अगर 31 कांग्रेस विधायकों (Congress MLA) में से कम से कम 30 विधायक उन्हें वोट दें लेकिन चर्चा ये है कि पार्टी के तीन विधायकों ने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं. इसमें बारगेनिंग या क्रॉसवोटिंग (Cross Voting) की संभावना बन रही है. शर्मा को दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) की जेजेपी के 10 विधायकों और बीजेपी (BJP) के 10 बचे विधायकों के वोट मिलने तय हैं. ऐसी स्थिति में राज्य के सात निर्दलीय विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है.