आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा के महासचिव देशदीपक वर्मा ने उन्हें सूचित किया कि उन्हें राज्यसभा के नोटिस का जवाब देने के लिये एक सप्ताह का समय और दे दिया गया है. राज्यसभा सचिवालय ने शरद यादव और अनवर से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा था. यह अवधि आज समाप्त हो गयी. दोनों सांसदों ने कहा कि वे राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और उन्हें अपना जवाब तैयार करने के लिए और समय की जरूरत है.
राज्यसभा महासचिव से मुलाकात करने के बाद अनवर ने संवाददाताओं से कहा कि कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें ‘‘प्राकृतिक न्याय’’ मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘जल्दबाजी क्या है? हमें अपना स्पष्टीकरण देने के लिए एक मौका मिलना चाहिए. प्राकृतिक न्याय होना चाहिए.’’ इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि मामले को सदन की आचार समिति को सौंपा जाना चाहिए.
अनवर ने कहा कि समिति का अब तक गठन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि उन्होंने जवाब देने के लिए एक महीने का समय मांगा है. जदयू महासचिव संजय झा ने आरोप लगाया कि बागी नेता देर करने की रणनीति अपना रहे हैं ताकि कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अयोग्य ठहराए जाने को टाल सकें.