नई दिल्ली: राज्यसभा के मार्शल लॉ की पोशाक फिर से बदल दी गई है. अब वे पुरानी पोशाक में ही नजर आएंगे. यह फैसला राज सभा के सभापति ने फिलहाल लिया है. हालांकि नई पोशाक या उसकी जगह किसी और डिजाइन की पोशाक को लेकर मामला रिव्यू कमिटी के पास है. रिव्यू कमिटी का फैसला आने तक वहां के मार्शल पुरानी को पोशाक ही पहने हुए दिखाई देंगे..


आपको बता दें राज्यसभा के शीतकालीन सत्र जब शुरू हुआ तब राज्यसभा के मार्शल नई पोशाक में नजर आए थे. वह नीले रंग की बंद गले के सूट के साथ पी कैप लगाए हुए थे. राज्यसभा के मार्शलो की नई पोशाक पर सदन के कई सदस्यों ने आपत्ति की. उनका कहना था कि सेना के जवानो जैसी मिलती-जुलती पोशाक मार्शल को नहीं पहननी चाहिए. पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने भी ट्वीट करके मार्शलो की नई पोशाक पर आपत्ति जताई थी.


इसके बाद यह मामला रिव्यू कमेटी को भेज दिया गया था. रिव्यू कमेटी अभी भी इस मामले पर विचार कर रही है. जब तक रिव्यू कमेटी पूरे मामले पर अंतिम फैसला नहीं सुना देती है. तब तक राज्यसभा के मार्शल पुरानी पोशाक ही धारण करेंगे. यानी सर्दियों में काले रंग का बंद गले का सूट धारण करेंगे. जिसके साथ कोई भी पगड़ी या पी कैप नहीं होगी. जबकि गर्मियों में सफेद रंग का सफारी सूट और तुर्रा दार पठानी पगड़ी धारण करेंगे.


मार्शलों की नई पोशाक नीले रंग की थी. साथ ही पी कैप भी पोशाक का हिस्सा थी. आपको बता दें कि मार्शलो कि नई पोशाक राज्यसभा के तमाम सुरक्षाकर्मियों और मार्शल ओं की तरफ से की गई गुजारिश के बाद बदली गई थी.नई पोशाक को एनआईडी यानी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन ने तैयार किया था. अब माना जा रहा है कि इस पोशाक पर विवाद होने के बाद अगली नई पोशाक भी एनआईडी ही तैयार करेगी. लेकिन तब तक राज्यसभा के मार्शल पुरानी पोशाक ही धारण करेंगे.


राज्यसभा के मार्शल की पहचान तब स्पष्ट रूप से दिखाई और सुनाई देती है. जब सदन शुरू होता है। तब सभापति के आसंदी पर पहुंचने से पहले आवाज लगाने वाले शख्स " माननीय सभासदों माननीय सभापति जी" मार्शल ही होते हैं. माना जा रहा है कि इस सत्र की समाप्ति से पहले पोशाक को लेकर बनाई गई रिव्यू कमेटी अपनी रिपोर्ट दे देगी और उसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा कि मार्शलों की पोशाक नई होगी या पुरानी पोशाक को ही जारी रखा जाएगा.


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