Laxmikant Bajpai को मिली बड़ी जिम्मेदारी, बीजेपी ने उच्च सदन में बनाया चीफ व्हिप
Laxmikant Bajpai: बीजेपी ने नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत वाजपेयी को राज्यसभा में अपना चीफ व्हिप नियुक्त किया है. वह 4 बार उत्तर प्रदेश में पार्टी के विधायक रह चुके हैं.
Laxmikant Bajpai New Chief Whip: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने नवनिर्वाचित राज्यसभा (Rajya Sabha) सदस्य लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Bajpai) को उच्च सदन में पार्टी का नया चीफ व्हिप (Chief Whip) नियुक्त किया है. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी (Parliamentary Affairs Minister Prahlad Joshi) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. बीजेपी (BJP) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रह चुके लक्ष्मीकांत वाजपेयी, शिव प्रताप शुक्ला (Shiv Pratap Shukla) का स्थान लेंगे. हाल ही में शिव प्रताप शुक्ला का राज्यसभा में कार्यकाल समाप्त हो गया था.
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "लक्ष्मीकांत वाजपेयी को राज्यसभा में बीजेपी का चीफ व्हिप नियुक्त किया गया है." चार बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रह चुके वाजपेयी की गिनती पार्टी के कद्दावर ब्राह्मण चेहरों में होती है. वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं.
Congratulations to Shri @LKBajpaiBJP ji on being appointed @BJP4India's chief whip in Rajya Sabha. I am confident that he will effectively manage government business in the House. pic.twitter.com/1fIqGN6xT4
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) July 15, 2022
बीजेपी ने हाल ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को राज्यसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया है. हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद बीजेपी ने उनके स्थान पर उच्च सदन में किसी को भी अब तक उपनेता नहीं नियुक्त किया है.
14 साल की उम्र में जनसंघ से जुड़े
बता दें कि बीजेपी के कद्दावर नेता बनने से पहले अपने बचपन में मात्र 14 साल की उम्र में वह जनसंघ से जुड़ गए थे. साल 1977 में उन्हें जनता पार्टी के युवा विंग का अध्यक्ष बनाया गया था. जिसके बाद 1980 में उत्तर प्रदेश के मेरठ से बीजेपी के जरनल सेक्रेटरी बने तो वहीं उत्तर प्रदेश के बीजेपी युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष भी बनाया गया.
चार बार रहे विधायक
लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Bajpai) साल 1989 में मेरठ (Meerut) से पहली बार विधायक (MLA) बने. जिसके बाद उनका सफर उतार चढ़ाव का रहा. जिसके बाद वह 1993 का चुनाव हार गए. फिलहाल 1996 में वह दूसरी बार फिर से चुने गए, वहीं 2002 में फिर से चुने जाने पर वह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार में मंत्री पद तक पहुंचे. इसके बाद वह 2007 का चुनाव हार गए, वहीं साल 2012 में वह फिर से चुनाव जीत गए. इसके बाद एक बार फिर वह साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) हार गए.