Suspension of 12 MPs: राज्यसभा के 12 निलंबित सांसदों ने अपने निलंबन के खिलाफ संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बुधवार को भी अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा. इस दौरान समाजवादी पार्टी (SP) से सांसद जया बच्चन, कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम और टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने धरना दे रहे सांसदों से मुलाकात की और उनके साथ कुछ देर रहें. 


निलंबित सांसदों को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "किसी ने कोई गलती नहीं की है और ना ही नियमों का उल्लंघन किया है. विरोध करने का अधिकार सभी को है. बीजेपी ने ये सब अरुण जेटली के समय किया था." उन्होंने इसे लोकतंत्र का हिस्सा बताते हुए इस व्यवधान को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि निलंबित 12 सांसदों में से किसी ने कागज नहीं फेंका और ना ही माइक तोड़ा है.


निलंबन रद्द किया जाना चाहिए- खड़गे


मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "आज एक बार फिर हमने यह मुद्दा उठाया कि यह सही नहीं है और निलंबन रद्द किया जाना चाहिए. मैं एक बार फिर से अपील करता हूं कि हम सदन को चलने देने के लिए तैयार हैं. आज सभी विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया है. आज हम पूरे दिन निलंबित सांसदों के साथ बैठेंगे और कल के बारे में फैसला करेंगे.  


सस्पेंशन आर्टिकल-85 के विरूद्ध


खड़गे ने कहा, "सस्पेंशन संविधान के आर्टिकल-85 के विरूद्ध है. फिर भी वे अड़े नहीं हैं. हम नहीं चाहते हैं कि सदन इस तरह से चले, लेकिन वे हमें मजबूर कर रहे हैं, ताकि सदन नहीं चले और कोई मुद्दा ना उठे चाहे वो किसानों का मुद्दा हो, पेगासस जाजूसी, महंगाई का, इंधन की कीमतों का या नागालैंड का मुद्दा हो." 


उन्होंने कहा, "हम सांसदों के निलंबन को रद्द करने के संबंध में सदन में लगातार अपने विचार रखते रहे हैं और हमने कई बार सभापति से अनुरोध किया है कि हमारी गलती नहीं है, फिर भी हमें दंडित किया गया है. मैंने यह भी कहा है कि निलंबन नियमों के खिलाफ है."


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