नई दिल्ली: कोरोना काल के बीच आज नए राज्यसभा सांसदों के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम हुआ. राज्यसभा में आज नवनिर्वाचित सांसदों ने शपथ ली और इस दौरान जो तस्वीर सामने आई, उसने यह भी बता दिया कि आने वाले मानसून सत्र में किस तरह की तस्वीर देखने को मिलेगी.


शपथ ग्रहण के दौरान पहले से अलग दिखी राज्यसभा की तस्वीर


दूर-दूर बैठे नवनिर्वाचित सांसद, मुंह पर मास्क और जगह-जगह रखा सैनिटाइजर, कुछ इस तरह से दिखी राज्यसभा की आज की तस्वीर. आज राज्यसभा के लिए चुने गए नवनिर्वाचित सांसद शपथ के लिए पहुंचे थे. इन सांसदों में दिग्विजय सिंह, शरद पवार से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई नवनिर्वाचित सांसद शामिल थे.


वैसे तो ये शपथ ग्रहण पहले ही होना था लेकिन कोरोना की वजह से शपथ ग्रहण लगातार टलता जा रहा था. लेकिन आज जब शपथ ग्रहण हुआ तो उस दौरान यह तस्वीर सामने आई यह तस्वीर संसद की पहले की तस्वीर की तुलना में बिल्कुल अलग कही जा सकती है.


सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का रखा गया ध्यान


नवनिर्वाचित सांसद राज्यसभा में बैठे हुए तो जरूर नजर आए, लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया. इतना ही नहीं राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू समेत सभी सांसदों और राज्यसभा के अधिकारियों और कर्मचारियों लोगों के मुंह पर मास्क था. साथ ही जगह-जगह सैनिटाइजर रखा हुआ नजर आ रहा था.


हस्ताक्षर करने वाले पेन को लेकर भी बरती गई खासी सावधानी


इस दौरान राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने बार-बार कोरोना काल में और ज़्यादा सावधानी बरतने का जिक्र किया. इसी दौरान वेंकैया नायडू ने शपथ के बाद हस्ताक्षर करने को लेकर भी नए सांसदों को एहतियात बरतने को कहा.


वेंकैया नायडू ने नवनिर्वाचित सांसद ने कहा कि हस्ताक्षर करने के लिए अगर मुमकिन है तो पेन अपने साथ लाएं. वहीं अगर पेन नहीं है तो राज्यसभा की तरफ से जो पेन दिया जा रहा है, उसको हस्ताक्षर करने के बाद अपने साथ लेकर जाएं. जिससे कि कोई दूसरा सांसद उस पेन का इस्तेमाल ना करें.


संसद सत्र को लेकर राज्यसभा के चेयरमैन और लोक सभा के स्पीकर कर चुके हैं चर्चा


आज हुए इस शपथ ग्रहण से संसद के मानसून सत्र में क्या तस्वीर देखने को मिल सकती है उसकी एक बानगी जरूर पेश कर दी है. फिलहाल चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि संसद का मॉनसून सत्र कैसे बुलाया जाए. इसको लेकर हाल ही में राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू और लोकसभा की स्पीकर ओम बिड़ला के बीच करीब 2 घंटे तक बैठक भी हुई थी. जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोकसभा और राज्यसभा के मॉनसून सत्र को बुलाया जाए.


1 दिन लोकसभा तो 1 दिन राज्यसभा चलाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा


सामने आ रही जानकारी के मुताबिक इस चर्चा के दौरान ये प्रस्ताव भी रखा गया कि लोकसभा और राज्यसभा को एक साथ-साथ चलाने की जगह अल्टरनेट तरीके से चलाया जाए. यानी कि जिस वक्त लोकसभा चल रही हो उस वक्त राज्यसभा ना चले और जिस वक्त राज्यसभा चल रही हो उस वक्त लोकसभा ना चले.


जब लोकसभा चल रही हो तो उसके कुछ सांसद राज्यसभा के चेंबर और गैलरी में मौजूद रहे. साथ ही जब राज्यसभा चल रही हो तो उस दौरान राज्यसभा के सांसद लोकसभा की गैलरी और चेंबर में मौजूद रहे. और वहां से राज्यसभा की कार्रवाई का हिस्सा बने.


संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता


फिलहाल इन सारे पहलुओं पर चर्चा हो रही है और जब एक बार चर्चा पूरी हो जाएगी तो उसके बाद संसद के मानसून सत्र की तारीख का एलान किया जाएगा. अब तक की चर्चाओं के मुताबिक संसद का मानसून सत्र अगस्त के आखिरी हफ्तों में शुरू हो सकता है.


वैसे भी संविधान के हिसाब से संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता और इस लिहाज से संसद का मॉनसून सत्र हर हाल में 30 सितंबर से पहले पूरा होना चाहिए.


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