सांसद एम.पी. वीरेंद्र कुमार का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उन्होंने कोझिकोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में अंतिम सांस ली. वीरेंद्र 84 वर्ष के थे. वह मलयाली भाषा में निकने वाले अखबर मातृभूमि के मैनेजिंग डायरेक्ट और पीटीआई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर थे. वह केरल से राज्यसभा सांसद थे और वह केंद्रीय मंत्री भी रह चुके थे.


प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वीरेंद्र कुमार कई स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे. लेकिन गुरुवार रात 11 बजे से कुछ वक्त पहले उनका देहांत हो गया. उनकी एक पत्नी, तीन बेटी और एक बेटा है. बेटे के नाम श्रेयम कुमार है जोकि मातृभूमि में ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.


वीरेंद्र कुमार पहली बार 1987 में केरल विधानसभा का चुनाव जीते. इसके बाद वह दो बार लोकसभा से भी सांसद चुने गए. वीरेंद्र कुमार लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के समर्थन से इंडिपेंडेंट कैंडिडेट थे. वह मार्च 2018 में केरल से राज्यसभा सांसद के लिए चुने गए. उनका अंतिम संस्कार आज यानी शुक्रवार को वायनाड में किया जाएगा.


वीरेंद्र कुमार तीन बार प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के चेयरमैन रह चुके हैं और निधन के वक्त वह इस न्यूज एजेंसी के बोर्ड में डायरेक्टर थे.


दो बार जीते लोकसभा का चुनाव


वीरेंद्र कुमार का जन्म 22 जुलाई को केरल के वायनाड में एम के पाथमप्रभा के घर हुआ. वीरेंद्र कुमार ने कई किताबें लिखी थी. वह कोझिकोड से 1996 और 2004 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. लोकसभा के पहले ही कार्यकाल में उन्हें केंद्र में वित्त राज्यमंत्री बनाया गया. इसके साथ ही उन्हें श्रम मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार भी सौंपा गया था.


लॉकडाउन को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात, मांगे सुझाव