नई दिल्ली: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी विपक्ष के लगातार विरोध के बीच किसानों से जुड़े दो बिल पास कर दिए गए हैं. ये बिल हैं- कृषक उपज व्यापार विधेयक 2020 और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020. बिल पर हंगामे के बीच विपक्षी सांसदों ने सदन के वेल में नारे लगाए गए. राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने उन्हें अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा. कृषि बिलों को लेकर सदन में हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
नारेबाजी करते विपक्षी दलों के सांसद उपसभापति के आसन तक पहुंच गए. केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उस वक्त विपक्ष के सवालों का जबाव दे रहे थे. हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित रही. इससे पहले उच्च सदन में केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा चर्चा के लिए लाए गए दो अहम विधेयकों पर विपक्षी दलों के सांसदों ने पुरजोर विरोध करते हुए दोनों विधेयकों को किसानों के हितों के खिलाफ और कॉरपोरेट को फायदा दिलाने की दिशा में उठाया गया कदम करार दिया. दोनों विधेयकों को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है.
किसानों की आय 2028 से पहले दोगुनी नहीं होगी : डेरेक
2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने के केंद्र के दावे पर कटाक्ष करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने रविवार को राज्यसभा में कहा कि यह 2028 से पहले दोगुनी नहीं होगी. राज्यसभा में पेश किए गए कृषि विधेयकों पर चर्चा करते हुए, तृणमूल सांसद ने कहा, "प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. आपने 2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. मौजूदा दर पर, यह 2028 से पहले नहीं होगा."
भूमि अधिग्रहण बिल और तृणमूल के रुख का जिक्र करते हुए डेरेक ने कहा, "बिल पर बोलने के लिए तृणमूल कांग्रेस कितना योग्य है? सात साल पहले .. भूमि अधिग्रहण बिल के दौरान हमने किसानों के पक्ष में बात की थी. बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों के अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती है."
तृणमूल नेता ने यह भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल के किसानों की आय दोगुनी हो गई है.
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