नई दिल्ली: लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से एसपीजी अधिनियम संशोधन बिल पास हो गया है. गृहमंत्री अमित शाह ने साफ किया कि यह संशोधन राजनीतिक प्रतिशोध के चलते किसी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है बल्कि इससे प्रधानमंत्री सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. राज्यसभा ने विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से मंजूरी दी. इस दौरान कांग्रेस, वाम और डीएमके के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया.
राज्यसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों की उन चिंताओं को बेबुनियाद बताया जिसमें कहा गया था कि गांधी परिवार की सुरक्षा के संबंध में राजनीति के तहत काम किया गया है .
शाह ने कहा, ‘‘ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है. हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सुरक्षा हटाई नहीं गई है. सुरक्षा बदली गई है. उन्हें जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ सुरक्षा दी गई है.’’
उन्होंने कहा, ''जब मनमोहन सिंह और अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों की एसपीजी सुरक्षा वापस ली गई थी तब कोई चर्चा नहीं हुई थी.'' अमित शाह ने कहा, ''गांधी परिवार के तीन सदस्यों को उन कर्मियों की ओर से सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है जो पहले एसपीजी का हिस्सा थे.'' उन्होंने आगे कहा, ''एसपीजी कानून में संशोधन गांधी परिवार को ध्यान में रख कर नहीं किया जा रहा है.''
उन्होंने कहा कि हम परिवार के विरोधी नहीं हैं, हम परिवारवाद के विरोधी हैं. केवल गांधी परिवार की ही सुरक्षा की बात क्यों ? गांधी परिवार सहित पूरे 130 करोड़ भारतीयों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है. गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा ‘स्टेटस सिंबल’ नहीं हो सकता, एसपीजी के लिए यह हंगामा क्यों?
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा में सेंध की घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और तीन सुरक्षा कर्मियों को निलंबित किया गया है.
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