नई दिल्ली: राज्यसभा ने मजदूरों से जुड़े तीन अहम बिलों को मंजूरी दे दी है. एक दिन पहले लोकसभा में पारित किए गए थे. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये बिल कानून बन जाएगा. इन तीन बिलों में कोड ऑन सोशल सिक्यूरिटी, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड और द ऑक्यूपेशन सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड शामिल हैं.


मजदूरों से जुड़े 3 बिल




  1. पजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, 2020

  2. औद्योगिक संबंध संहिता 2020

  3. सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020


बिल के तहत सभी तरह के कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य बनाया गया है. चाहे कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर ही क्यों न हो. सभी कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी की सुविधा दी जाएगी, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को भी. उनको ग्रेच्यूटी पाने के लिए कंपनी में 5 साल काम करना जरूरी नहीं होगा. महिलाओं को रात की पाली (शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक) में काम करने की इजाजत दी गई है. सभी अस्थायी और प्लैटफॉर्म कामगारों (जैसे ओला और उबर ड्राइवर) को भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाएगा.


प्रवासी मजदूरों को भी सुविधाएं दी जाएंगी, वो जहां भी जाएंगे उनका रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा. री स्कलिंग फंड बनाया जाएगा जो कर्मचारियों की छंटनी होने की स्थिति में उन्हें वैकल्पिक हुनर की ट्रेनिंग दी जाएगी. 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए ईपीएफ और ईएसआई की सुविधा देना होगा.


सरकार ने बिल पर राज्यसभा में क्या कहा
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, मजदूर जिस न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे वो अब मिल रहा है. वेतन सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्त्य सुरक्षा तीनों की गारंटी देने वाला ये बिल है. प्रवासी मजदूर को साल में एक बार घर जाने के लिए प्रवास भत्ता मिलेगा. मालिक को ये देना पड़ेगा प्रवासी मजदूर को.


वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, अब कंपनी का मालिक हिलेगा और मजदूरों को सही न्याय मिलेगा. मजदूरों के लाडले नेता हैं माननीय नरेंद्र मोदी. गांव-गांव की बोल रही है मजदूर दादी, नेता के रूप में सबसे अच्छे हैं नरेंद्र मोदी.


ये भी पढ़ें-
किसान बिल के विरोध में सड़क पर उतरे नवजोत सिंह सिद्धू, कहा- इससे जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा


ड्रग्स केस: फिल्म मेकर मधु मांटेना वर्मा एनसीबी दफ्तर पहुंचे, लगातार दूसरे दिन हो रही है पूछताछ