लखनऊ: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए आज मतदान के दौरान बीएसपी विधायक अनिल सिंह की तरफ से क्रॉस वोटिंग के बाद बीएसपी प्रत्याशी के जीतने की राह मुश्किल लग रही है. इसके अलावा कल कोर्ट ने बीएसपी और समाजवादी पार्टी के एक-एक विधायक के वोट देने पर रोक लगा दिया.


राज्यसभा चुनाव का मतदान विधानभवन के तिलक हाल में सुबह नौ बजे शुरू हुआ. आज ही परिणाम भी घोषित होंगे. सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिये पूरी जुगत लगा रहे हैं. इस दौरान बीएसपी विधायक अनिल सिंह ने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी को वोट दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने अन्तरात्मा की आवाज सुनकर वोट दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘अन्तरात्मा की पुकार पर हम महाराज जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) के साथ चले गये.’’





इस बीच, कांग्रेस विधायक नरेश सैनी के भी बीजेपी को वोट देने की खबर आयी, लेकिन उन्होंने मीडिया के सामने आकर इसका खण्डन किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पार्टी के निर्देशानुसार बीएसपी प्रत्याशी यानी महागठबंधन को वोट दिया है. बीजेपी बौखला गयी है, इसलिये अफवाहें फैला रही है. जब परिणाम आयेगा, उससे सब साफ हो जाएगा.’’


बहरहाल, एसपी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि जेल में बंद बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी, एसपी विधायक हरिओम यादव के अदालती आदेश के कारण वोट नहीं डाल पाने और बीएसपी विधायक अनिल सिंह का वोट नहीं मिल पाने के बावजूद हमारे पास बीएसपी प्रत्याशी को जिताने का इंतजाम है. एसपी और बीएसपी दोनों के प्रत्याशी चुनाव जीतेंगे.


बहरहाल, जेल में बंद बाहुबली बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी के वोट देने पर कल लगी उच्च न्यायालय की रोक और एसपी विधायक हरिओम यादव की राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की अनुमति सम्बन्धी याचिका कल खारिज किये जाने के बाद राज्यसभा की 10 वीं सीट के लिये मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है.


गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव आगामी लोकसभा निर्वाचन के लिये सूबे की दो बड़ी सियासी ताकतों एसपी और बीएसपी के गठबंधन की सम्भावनाओं के लिहाज से निर्णायक होगा. विपक्ष के लिये निर्दलीय विधायकों रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, विनोद सरोज और अमनमणि त्रिपाठी की मदद चाहिये होगी. इनमें से राजा भैया और विनोद सरोज के एसपी का साथ देने की प्रबल सम्भावना है, वहीं त्रिपाठी के बीजेपी को वोट देने के आसार हैं. इससे बीएसपी प्रत्याशी को जिताने का गणित बिगड़ सकता है.


उत्तर प्रदेश में राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जिताने के लिये 37 प्रथम वरीयता के वोट मिलना जरूरी है. प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सपा के पास 47 सदस्य हैं. उसके पास अपनी उम्मीदवार जया बच्चन को चुनाव जिताने के बाद तकनीकी रूप से 10 वोट बच जाएंगे. मगर नितिन अग्रवाल के बीजेपी को वोट देने और जेल में बंद विधायक हरिओम के वोट ना दे पाने के बाद उसके पास आठ वोट ही बचेंगे. बीएसपी विधायक अनिल सिंह के क्रॉस वोटिंग करने के बाद पार्टी के पास अब 17 वोट बचे हैं जबकि कांग्रेस के पास सात और राष्ट्रीय लोकदल के पास एक वोट है. इस तरह यह आंकड़ा 33 का बैठता है. इस तरह बीएसपी प्रत्याशी को जिताने के लिये चार और मतों की जरूरत होगी.


विधानसभा में 324 विधायकों के संख्याबल के आधार पर आठ सीटें आराम से जीत सकने वाली बीजेपी ने 10 सीटों के लिए नौ प्रत्याशी उतारे हैं, जो विपक्ष के लिये चिंता का सबब है. बीजेपी के पास अपने आठ प्रत्याशियों को जिताने के बाद 28 वोट बच जाएंगे. यहीं पर उसे अपने नौवें प्रत्याशी को जिताने की सम्भावनाएं नजर आ रही हैं.