विपक्ष के आरोपों पर राज्यसभा सचिवालय ने कहा- सदन में हंगामे के दौरान तैनात सुरक्षाकर्मियों में कोई बाहरी नहीं था
Monsoon Session 2021: राज्यसभा सचिवालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हंगामे की शुरुआत में सिर्फ 14 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था जिसे बढ़ाकर बाद में 42 कर दिया गया.
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Monsoon Session 2021: राज्यसभा में बुधवार को भारी हंगामे के दौरान हुई धक्का-मुक्की की घटना के एक दिन बाद उपसभापति एम वेंकैया नायडू ने अधिकारियों के साथ चर्चा की. इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सदन में किसी भी बाहरी को सुरक्षाकर्मी के तौर पर तैनात नहीं किया गया था. उपसभापति ने सरकार और विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडलों से भी मुलाकात की और 11 अगस्त को हुई घटना के बारे में उनकी राय भी सुनी.
राज्यसभा के अधिकारी ने हंगामे के मिनट्स भी जारी किए हैं. इसके मुताबिक, डोला सेन ने मार्शल का गला दबाया. डोला सेन ने पीयूष गोयल और प्रह्राद जोशी का रास्ता रोका. महिला सुरक्षाकर्मियों को भी धक्का दिया गया. फूलो देवी नेताम ने पेपर फाड़कर उछाले. उन्होंने सेक्रेटरी जनरल की तरफ पेपर उछाले. इस दौरान छाया वर्मा, प्रियंका चतुर्वेदी, नासिर हुसैन, अर्पिता घोष ने भी पेपड़ फाड़े.
#WATCH CCTV footage of ruckus by Opposition MPs in Parliament on 11th August pic.twitter.com/S3kvCp1gTz
— ANI (@ANI) August 12, 2021
वेंकैया नायडू की बैठक
नायडू ने राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों के साथ सदन में पिछले कुछ दिनों के भीतर हंगामे के दौरान हुई घटनाओं के बार में लगभग घंटे भर बैठक की. इस बैठक की चर्चा में बुधवार को सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का भी मुद्दा शामिल था.
इस दौरान नायडू ने पूर्व में सदस्यों के नियम विरुद्ध आचरण, उसे लेकर गठित समितियों, उनकी रिपोर्ट और उन पर हुई कार्रवाई के बारे में जानाकरी मांगी. सरकार ने हंगामे के दौरान विपक्षी सदस्यों के आचरण की जांच के लिए समिति गठित करने की मांग की थी. सूत्रों ने बताया कि इस सत्र में हुए हंगामे और सरकार की मांग के मद्देनजर समिति गठित करने को लेकर अभी चर्चा जारी है.
क्यों की गई सुरक्षाकर्मियों की अधिक तैनाती?
राज्यसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अधिकारियों ने नायडू को बताया कि 10 अगस्त को तैनात किए गए सुरक्षाकर्मियों में कोई बाहरी नहीं था.’’ उन्होंने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के कर्मियों को तैनात किया गया था. आवश्यकता के अनुरुप इन कर्मियों की तैनाती की मंजूरी है.
बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने बताया कि शुरुआत में सिर्फ 14 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था जिसे बढ़ाकर बाद में 42 कर दिया गया. सदन की स्थिति और पूर्व में हुए घटनाक्रमों को देखते हुए ऐसा किया गया.’’
नायडू ने विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वह कथित घटनाओं के मामले को देखेंगे जिसमें कुछ सदस्य और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. उन्होंने विपक्षी सदस्यों से सदन को सुचारू रूप से चलाने और उसकी गरिमा का ध्यान रखने का अनुरोध किया.
विपक्षी नेताओं का दावा
विपक्षी नेताओं ने बयान जारी कर दावा किया कि कुछ महिला सांसदों समेत सदन के कई सदस्यों के साथ ऐसे बाहरी लोगों ने धक्कामुक्की की, जो संसद की सुरक्षा का हिस्सा नहीं है. इस बयान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के टीआर बालू समेत 11 दलों के नेताओं के हस्ताक्षर हैं.
नायडू और बिरला की बैठक
एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भई बैठक ही. इस दौरान हाल में संपन्न हुए संसद के मॉनसून सत्र में कुछ सांसदों के व्यवहार पर चिंता जताई और कहा कि ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
मॉनसून सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के एक दिन बाद बिरला ने नायडू से मुलाकात की और दोनों ने सत्र के दौरान ‘संसद में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम’ की समीक्षा की.
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया कि दोनों ने कुछ सांसदों के कामकाज में बाधा डालने वाले बर्ताव पर गहन चिंता प्रकट की. इसमें कहा गया, ‘‘उनका पुरजोर मानना है कि ऐसे अशांतिपूर्ण व्यवहार को सहा नहीं जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.’’
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