Rakesh Ashtana Appointment Case: दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर विवाद, SC ने हाई कोर्ट से 2 हफ्ते में निपटारे के लिए कहा
Rakesh Ashtana Appointment Case: सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति के खिलाफ याचिका को सुना और दिल्ली हाई कोर्ट से दो हफ्ते के भीतर मामले का निपटारा करने की बात कही.
![Rakesh Ashtana Appointment Case: दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर विवाद, SC ने हाई कोर्ट से 2 हफ्ते में निपटारे के लिए कहा Rakesh Ashtana Appointment Case Supreme Court asks High Court to complete in 2 weeks ANN Rakesh Ashtana Appointment Case: दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर विवाद, SC ने हाई कोर्ट से 2 हफ्ते में निपटारे के लिए कहा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/25/f9a651a58c0ca37c56b3ca10488c1adf_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Rakesh Ashtana Appointment Case: दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के तौर पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति का मसला मुश्किलों में पड़ता नज़र आ रहा है. इस नियुक्ति के खिलाफ एक याचिका को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट से मामले का तेजी से निपटारा करने को कहा है. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने लिखित आदेश में कहा है कि हाई कोर्ट 2 हफ्ते के भीतर सुनवाई पूरी करने की कोशिश करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता हाई कोर्ट के आदेश से संतुष्ट नहीं होता है, तो मामले की यहां सुनवाई होगी.
मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस आधार पर अपने पास दाखिल याचिका की सुनवाई टाल दी थी कि सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका लंबित है. आज केंद्र के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दी और सुझाव दिया कि पहले हाई कोर्ट में सुनवाई होने दी जाए. इसका तीव्र विरोध करते हुए याचिकाकर्ता सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन के वकील प्रशांत भूषण ने कहा, "हाई कोर्ट में जो याचिका दाखिल हुई है, वह हमारी याचिका की नकल है. ऐसी याचिकाएं सरकार की मिलीभगत से दाखिल होती हैं ताकि गंभीर मुद्दे को बेअसर किया जा सके."
सॉलिसीटर जनरल ने इस आरोप का ज़ोरदार विरोध किया. उन्होंने कहा, "अगर याचिकाकर्ता ऐसी बात कहेंगे तो मैं भी कहा सकता हूँ कि यहां बहुत से प्रोफेशनल जनहित याचिकाकर्ता बैठे हैं. यह लोग पीआईएल की आड़ में उन लोगों की तरफ से याचिका करते हैं, जो कोई पद पाने की रेस में पीछे छूट गए हैं. इस मामले में याचिकाकर्ता का कोई मौलिक अधिकार प्रभावित नहीं हुआ है कि सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो."
इसके बाद चीफ जस्टिस ने बेंच के बाकी 2 सदस्यों जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत से थोड़ी देर चर्चा की. चर्चा के बाद उन्होंने कहा, "मैं पहले अस्थाना की सीबीआई में नियुक्ति से जुड़ा मामला देख चुका हूँ. इसलिए, मेरा इस मामले को सुनना सही नहीं होगा. वैसे सही या गलत, जैसी भी याचिका हाई कोर्ट में दाखिल हुई है, हमारा मानना है कि पहले वहां सुनवाई हो. इसके लिए हम 2 हफ्ते देना चाहते हैं."
भूषण ने एक बार फिर मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के आग्रह किया. उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के 4 दिन पहले जिस तरह से अस्थाना को नई नियुक्ति दी गई, वह पूरी तरह अवैध है. इसे तुरंत खारिज किया जाना चाहिए. बेंच के सदस्य जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा, "हम आपको अनुमति दे रहे हैं कि आप अलग से अपनी बात हाई कोर्ट में रखें. 2 हफ्ते में हाई कोर्ट मामले का निपटारा कर देगा." केंद्र के वकील ने 2 हफ्ते की समय सीमा का विरोध किया. लेकिन कोर्ट ने कहा कि अब सभी पक्ष हाई कोर्ट में ही अपनी बात रखें.
पेगासस जासूसी पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते आदेश के दिए संकेत, मामले की निष्पक्ष जांच की है मांग
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)