नई दिल्लीः राम मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद सोनिया और राहुल गांधी का भी समर्थन मांगेगी. इसके लिए जल्द ही परिषद की ओर से दोनों नेताओं को पत्र लिखा जाएगा. परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि परिषद के अमेठी और रायबरेली के अध्यक्ष जल्द ही राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दोनों से मिलने का समय मांगेंगे. दोनों नेताओं से संसद में कानून बनाने के लिए समर्थन मांगा जाएगा.


सभी सांसदों से समर्थन मांगा जाएगा
दरअसल विश्व हिंदू परिषद ने राम मन्दिर के निर्माण का रास्ता साफ़ करने के लिए संसद में कानून बनाने की मांग की है और उसी मांग पर समर्थन के लिए लोक सभा के सभी 543 सांसदों से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपने की योजना है. परिषद ने अबतक कुछ सांसदों को समर्थन के लिए ज्ञापन सौंप भी दिया है.


संविधान और कानून के तहत ही समस्या का समाधान
आलोक कुमार ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि वीएचपी संविधान और कानून के तहत ही अयोध्या मसले का हल चाहती है. कुमार के मुताबिक कोर्ट से जो उम्मीद थी वो अब टूट चुकी है और सन्तों ने साफ कर दिया है कि अनन्तकाल तक कोर्ट के आदेश का इंतज़ार नहीं कर सकते.


उन्होंने कोर्ट की प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि जब आईपीसी की धारा 377 जैसे मसलों पर कोर्ट आदेश दे सकता है तो फिर करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़े मसले को लटका के क्यों रखा जा रहा है.


'भारत छोड़ो आंदोलन जैसा निर्णायक होगा इस बार का आंदोलन'
उधर इस मसले पर राज्य सभा में प्राइवेट मेम्बर बिल लाने की घोषणा करने वाले बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा है कि उन्होंने बिल का मसौदा तैयार कर लिया है. सिन्हा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि अगले 1-2 दिनों में राहुल गांधी समेत सभी ग़ैर एनडीए नेताओं को मसौदे का अंश भेजकर बिल पर समर्थन मांगेंगे.


राकेश सिन्हा ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या वो राम मंदिर पर उनके बिल का समर्थन करेंगे ? राकेश सिन्हा ने दावा किया कि 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की तरह 2018 का राम मंदिर आंदोलन भी निर्णायक साबित होगा.


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