नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए मोदी सरकार के ऊपर हमला बोला और तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार दिया. राहुल गांधी के इन बयानों के बाद बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने राहुल गांधी को अराजकता फैलाने वाला नेता करार दिया. राकेश सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी लोगों को गुमराह कर अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं.
बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने राहुल गांधी के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने इन बयानों से संसद का भी अपमान कर रहे हैं. क्योंकि तीनों कानून को संसद में विस्तार से चर्चा के बाद ही पास किया गया था. राकेश सिन्हा ने कहा कि जब संसद में भी इन तीनों कृषि बिलों को लेकर चर्चा हो रही थी उस दौरान भी कांग्रेस ने इन बिलों को रद्द करने की मांग नहीं की थी. उस दौरान कांग्रेस ने अपनी असहमति कुछ बिंदुओं पर जरूर जताई थी लेकिन बुनियादी पहलुओं पर उनको आपत्ति नहीं थी. ऐसे में राहुल गांधी अगर आज की तारीख में इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो ऐसा कर वह संसद की प्रतिष्ठा और गरिमा को भी नीचा दिखा रहे हैं.
राकेश सिन्हा ने किसान आंदोलन को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को पर जो हमला बोला उस पर पलटवार करते हुए कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों से देश के 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को फायदा मिल रहा है. क्योंकि इन तीनों कृषि कानूनों के आने के बाद उन किसानों को अपनी फसल बेचने का और विकल्प मिल गया है और रही बात एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी की तो सरकार साफ कर चुकी है कि एमएसपी और मंडी पहले के जैसे ही बने रहेंगे. ऐसे में राहुल गांधी अपने इन बयानों से किसानों को गुमराह कर अराजकता का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने उल्टा राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए कहा है कि अगर राहुल गांधी को इन कृषि कानूनों के बारे में इतनी ही जानकारी है तो उनको बताना चाहिए कि इन कृषि कानूनों के कौन से प्रावधान से किसानों को नुकसान पहुंच रहा है और किस प्रावधान के तहत पूंजीपतियों को फायदा हो रहा है. राकेश सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी सिर्फ राजनीतिक मकसद से इन तीनों कृषि कानूनों के ऊपर सवाल खड़े कर रहे हैं.
बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों को लेकर देश के अधिकतर राज्यों में कहीं कोई विरोध नहीं हो रहा. अधिकतर विरोध सिर्फ दो राज्यों में हो रहा है. कुछ ऐसी ताकत है जो देश को अस्थिर करना चाहती है और वह ताकतें किसान आंदोलन का फायदा उठाकर अपने काम में लगी हुई है. ऐसी ताकतें नहीं चाहती कि सरकार और किसानों के बीच समझौता हो और इसी वजह से किसानों को गुमराह कर गतिरोध बनाए रखना चाहती हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी आंदोलनकारी किसानों के साथ में है और कांग्रेस पार्टी की भी यही मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए क्योंकि यह तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं. राहुल गांधी ने किसानों और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह गतिरोध सरकार के अहंकार की वजह से दूर नहीं हो पा रहा. रही बात कृषि कानूनों के प्रावधानों की तो कृषि कानून के बारे में किसानों को जितना अच्छा से पता है उतना तो खुद देश के प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को तक नहीं पता. ऐसे में अगर फिर भी किसान इन तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ है तो सरकार को इन कृषि कानूनों को रद्द कर देना चाहिए.
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