नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 35वां दिन है. सरकार औक किसानों के बीच एक लंबे अंतराल के बाद आज सातवें दौर की चर्चा होने जा रही है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट ने कहा है कि आज गाजियाबाद बॉर्डर पर महापंचायत होगी जिसमें आगे की रणनीति तय होगी. उन्होंने ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को भी बंद करने की धमकी भी दी.


राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार से बात नहीं बनती है तो ईस्टर्न पेरीफेरल और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को बंद कर दिल्ली में आना और जाना पूरी तरह से बंद किया जाएगा. अब इस आंदोलन का प्रमोशन होगा. जिस तरह सिपाही भर्ती होता है फिर हेड कांस्टेबल बनता है, उसी तरह इस आंदोलन का भी अब प्रमोशन होगा. यानी, आंदोलन का दायरा अब बढ़ता रहेगा.


क्या सरकार और किसानों के बीच गतिरोध टूटेगा?
बैठक से पहले सबसे बड़ा सवाल है कि क्या 35 दिन से जारी गतिरोध आज खत्म हो जाएगा? सातवें दौर की यह बैठक दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी. हालांकि करीब तीन हफ्ते बाद सरकार और किसानों की बातचीत से पहले दोनों ही पक्षों ने ये साफ कर दिया है वो अपने स्टैंड पर कायम हैं. किसानों की मांग है कि कानून वापस लिया जाए जबकि सरकार कह चुकी है कि कानून वापस करना मुमकिन नहीं है.


पिछली औपचारिक बैठक पांच दिसंबर को हुई थी, जिसमें किसान संगठनों के नेताओं ने तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मुख्य मांग पर सरकार से हां या ना में स्पष्ट रूप से जवाब देने को कहा था. वार्ता बहाल करने के लिए किसान संगठनों के प्रस्ताव पर संज्ञान लेते हुए अग्रवाल ने कहा कि सरकार भी एक स्पष्ट इरादे और खुले मन से सभी प्रासंगिक मुद्दों का एक तार्किक समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है.


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