Rakesh Tikait On UP Election 2022: किसानों का आंदोलन भले ही खत्म हो चुका हो, यह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. इस बीच सोमवार को एबीपी न्यूज़ से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने आंदोलन वापसी के दौरान जो वायदे किए थे वे पूरे नहीं हुए हैं. 


भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा,  ''एमएसपी पर कमेटी नहीं बनी है. ये वायदे सरकार ने किए थे. आंदोलन समापन की तरफ है. हरियाणा में भी जो केस दर्ज किए गए वो अभी तक वापस नहीं हुए हैं. आंदोलन के दौरान जो किसान शहीद हुए, उन्हें मुआवजा नहीं मिला है.''


उन्होंने कहा कि गांव में 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली निकालेंगे. झंडा निकालकर मार्च निकाला जाएगा. 26 जनवरी हमारा पर्व है. टिकैत ने कहा कि 15 जनवरी को बैठक हैं. इस बैठक में समीक्षा की जाएगी कि सरकार ने कितने वायदे पूरे किए या नहीं. आगे की रणनीति भी तय होगी.


बीकेयू के नेता ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं. पंजाब में कुछ संगठन चुनाव लड़ रहे हैं, वो छुट्टी पर हैं. इस फैसले से कुछ नुकसान तो हुआ है. राकेश टिकैत ने विधानसभा चुनावों में यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ कैंपेन को लेकर कहा कि अभी फैसला नहीं किया है. टाइम आएगा तो बताएंगे. अभी चुनाव शुरू नहीं हुए हैं, आचार संहिता लागू नहीं हुआ है.


उन्होंने कहा कि सरकार ऑस्ट्रेलिया के साथ दूध खरीदने को लेकर समझौता करने जा रही है, जिसके तहत 20-22 रुपये प्रति लीटर दूध बेचने की योजना है.  सरकार के विदेशों से दूध आयात करने के फैसले से देश के पशु पालकों के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो जाएगा. इसका हम विरोध करेंगे.


राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है. आधे दाम पर हम बेच रहे हैं. गन्ना का भुगतान नहीं हो रहा है. गन्ना भुगतान का बोर्ड दिल्ली में लगा हुआ है और यूपी के लोगों को भुगतान देना है. उन्होंने किसान सम्मान निधि को लेकर तंज कसा. राकेश टिकैत ने कहा कि 6000 रुपये हैं या डॉलर है? धान बेचने में नुकसान हो रहा है. उसे मात्र 6000 रुपये दिए गए. क्या ये नुकसान नहीं है? सरकार चाहती है कि लोग लेबर बने रहें. इस प्लान को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. सरकार देश के पब्लिक संसाधनों को बंद करने में जुटी है. 


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