Rakesh Tikait on Ashish Mishra: 'कोई आम आदमी होता तो इतनी जल्दी जमानत मिलती क्या', आशीष मिश्रा को बेल मिलने पर बोले राकेश टिकैत
Ashish Mishra: आशीष मिश्रा को जमानत मिलने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कोई आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी जमानत मिलती.
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Rakesh Tikait on Ashish Mishra Bail: लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) उर्फ मोनू को कोर्ट से जमानत मिल गई है. हाई कोर्ट (High Court) की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा को ये राहत दी. आशीष मिश्रा को जमानत मिलने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कोई आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी जमानत मिलती.
राकेश टिकैत ने एबीपी न्यूज से कहा कि हम इस बात को यूपी में बीजेपी के खिलाफ प्रचारित करेंगे. कोर्ट पर क्या कह सकते हैं, बेल दे दी. हमारा तो यह कहना है कि 302 के इतने गंभीर मामले में दूसरे लोगों को भी बेल मिली हो तो ठीक है, नहीं मिली हो तो देख लो.
'इतनी जल्दी कौन से तथ्य सामने आ गए'
राकेश टिकैत ने कहा कि चुनाव में ये हमारे का प्रचार का हिस्सा होगा. इतनी जल्दी कौन से तथ्य सामने आ गए, इतनी जल्दी किसी और को जमानत मिलती हो इस तरह के केस में तो देखने वाले तथ्य हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के पास इतने बड़े वकील तो हैं नहीं, ये बड़े आदमी हैं, इनके साथ सरकार और वकील खड़ी कर सकती है. तो मिल गई होगी, कोर्ट तो तथ्य के आधार पर चलती है, उस तरह की दलील दी होगी उन्होंने.
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि किसानों की कौन पैरवी करेगी. इनके साथ तो शायद 32 वकील थे. ये तो खड़े कर सकते हैं उस तरह के लोग. अब देखेंगे कि इसमें क्या रहा. यह केस हमेशा हमारा रहेगा. यह संयुक्त मोर्चा और देश का रहेगा, जिस तरह हत्या की गई. किसान लड़ाई लड़ रहा है.
क्या है पूरा मामला
पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक गाड़ी से कुचल दिया गया था. ये घटना उस वक्त हुई जब ये किसान कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे. घटना के बाद हुई हिंसा में भी कुछ लोग मारे गए.
किसानों ने आरोप लगाया था कि गाड़ी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था. आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.
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