Tikait to meet Mamata: किसान आंदोलन पर सरगर्मी तेज, आज ममता बनर्जी से मिलेंगे राकेश टिकैत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात करेंगी. दोनों की मुलाकात में किसान आंदोलन को तेज करने के लिए रणनीति बनाए जाने की चर्चा चल रही है. तृणमूल कांग्रेस तीन कृषि कानून के सख्त खिलाफ है.
आज भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात कर रहे हैं. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक टिकैत किसान आंदोलन (Kisan Andolan) की आगामी रणनीतियों पर ममता बनर्जी से चर्चा करेंगे. इसके अलावा राकेश टिकैत ममता बनर्जी को चुनाव में शानदार जीत पर बधाई भी देंगे. टिकैत बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के लिए चुनाव प्रचार भी किया था. भारतीय किसान यूनियन केंद्र द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोधी में किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत बैठे हैं.
टिकैत ने बंगाल चुनाव में तृणमूल के लिए प्रचार किया था
राकेश टिकैत चुनाव प्रचार के लिए नंदीग्राम गए थे. चुनाव प्रचार के दौरान टिकैत ने स्थानीय लोगों से बीजेपी को वोट मजा चखाने की अपील करते हुए टीएमसी को वोट देने का आग्रह किया किया था. हालांकि ममता इस सीट से चुनाव हार गईं थीं. टिकैत केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं. आंदोलनकारियों की मांग है कि तीन कानूनों को वापस लिया जाए. विभिन्न किसान समूहों ने दावा किया है कि केंद्र सरकार बड़ी कंपनियों के लिए रास्ता खोल रही है जो किसानों के लिए बहुत गलत होगा.
नवंबर से दिल्ली सीमा पर आंदोलन
सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के साथ टिकैत कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास डेरा डाले हुए हैं. बनर्जी नए कृषि कानूनों के खिलाफ मुखर रही हैं और उन्होंने किसानों के विरोध को अपना समर्थन दिया. उनकी पार्टी के कई नेता प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए दिल्ली भी आए थे.
विकल्पों पर बात करने को तैयार: तोमर
इधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि सरकार आंदोलनकारी किसानों के साथ 'कृषि विधेयकों के अलावा अन्य विकल्पों' पर बात करने को तैयार है. तोमर ने कहा, 'केंद्र सरकार ने हमेशा किसानों के कल्याण के हित में बात की है और किसानों से बात करने को तैयार है.' उन्होंने कहा, 'अगर किसान संघ कृषि विधेयकों के अलावा अन्य विकल्पों पर चर्चा के लिए तैयार हैं तो सरकार उनसे बात करने को तैयार है.' किसान केंद्र द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020,कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020 के खिलाफ आंदोलनरत हैं.
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