उज्जैनः सावन के अंतिम सोमवार रक्षाबंधन की शुरुआत कालों के काल बाबा महाकाल के दरबार से शुरू हो गई है. ब्रह्म मुहूर्त में राजाधिराज महाकाल भस्म आरती के दौरान राखी बांधकर विश्व की रक्षा की कामना की गई. आज रक्षाबंधन पर्व पर प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को पंडित पुरोहित परिवार द्वारा तैयार की गई राखी बांधी गई.
आज सावन का अंतिम सोमवार है और भगवान महाकाल के दरबार में भव्य भस्म आरती हुई. भगवान की भस्म आरती के पहले भगवान को दूध, दही, शहद, शक्कर और फलों के रस से स्नान कराया गया. इसके बाद भगवान का भांग और सूखे मेवे से श्रृंगार हुआ जिसके बाद परंपरा अनुसार भस्मा आरती हुई.
भस्म आरती के दौरान राजाधिराज बाबा महाकाल को राखी बांधी गई. वर्ष भर में एक बार भगवान महाकाल के दरबार में पंडे पुरोहित परिवार द्वारा इस अनूठी परंपराओं को निर्वहन किया जाता है. भगवान महाकाल को राखी बंधने के बाद रक्षाबंधन पर्व की देशभर में शुरुआत हो गई है.
कोरोना के कारण 10 हजार लड्डुओं का भोग
पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि भगवान महाकाल के दरबार से ही रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत होती है. भगवान महाकाल को हर साल रक्षाबंधन पर्व पर सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाता है मगर कोरोना की वजह से मंदिर में महज 10 हजार लड्डुओं का भोग लगाया गया है.
विश्व की रक्षा की कामना
पंडितों के अनुसार रक्षाबंधन पर्व के साथ ही आज सावन भी खत्म हो रहा है. सावन के अंतिम दिन भगवान महाकाल से विश्व कल्याण और कोरोना के खात्मे को लेकर कामना की गई.
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