नई दिल्लीः इस रक्षाबंधन एक बहन ने अपने भाई को मौत की ओर कदम बढ़ाने से रोक कर उसे नया जीवनदान दिया है. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में एक नक्सली कमांडर ने अपनी बहन के कहने पर आत्मसमर्पण कर दिया है. आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली कमांडर 8 लाख का इनामी बताया दा रहा है.


दरअसल नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में रहने वाला मल्ला 12 साल की उम्र में घर से भाग कर नक्सली गतिविधी से जुड़ गया था. नक्सली के अनुसार उसने अपनी बहन लिंगे को बीते कई सालों से नहीं देखा था. उसका कहना है कि वह 14 साल बाद रक्षाबंधन के मौके पर अपनी बहन से मिलने आया था. जिसके दोबारा जंगल में लौटते समय उसकी बहन ने उससे आत्मसमर्पण करने की अपील की थी. जिसके बाद उसने अपनी बहन का कहना मानते हुए पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया.


8 लाख के इनामी नक्सली कमांडर मल्ला का कहना है कि उसे 2016 में प्लाटून डिप्टी कमांडर बनाया गया था. इसके साथ ही उसने बताया है कि जिस प्लाटून का वह नेतृत्व कर रहा था "भैरमगढ़ एरिया कमेटी" में स्थित है. इस पर दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव का कहना है कि मल्ला भैरमगढ़ इलाके का प्लाटून कमांडर था, और वह उन सभी बड़ी वारदातों में शामिल था जिनमें कई पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गवांई हैं.


पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के अनुसार नक्सली मल्ला ने ‘लोन वर्राटू अभियान' के तहत सरेंडर किया है. इस अभियान को नक्सलियों को वापस लाने के लिए दंतेवाड़ा पुलिस की ओर से चलाया जा रहा है. इस अभियान की स्कीम के तहत नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने के बाद उन्हें उनकी पंसद का रोजगार देने का वादा किया गया है.


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