नई दिल्ली: 13वीं सदी में बनी भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियां ब्रिटेन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मुख्यालय में तमिलनाडु को लौटा दी गईं हैं. ये मूर्तियां करीब 20 साल पहले चोरी हो गई थीं. लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने इन मूर्तियों को बरामद करने के बाद पिछले 15 सितंबर को भारतीय उच्चायोग को लौटाया था. केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मौजूद रहे थे.


पटेल ने बुधवार को भारतीय उच्चायोग को बधाई दी और लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस का भी आभार व्यक्त किया. साथ ही इन मूर्तियों को बरामद करने के लिए किए तमिलनाडु सरकार की प्रशंसा भी की. उन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत को वापस लाने में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका, खासतौर पर गत छह साल में निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की.


मूर्तियों की तस्करी की गई थी
पिछले साल अगस्त में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग को कला प्रेमियों के समूह ‘इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट’ ने जानकारी दी थी कि तमिलनाडु के मंदिर से विजयनगरम काल की चार प्राचीन मूर्तियों (भगवान राम, देवी सीता, लक्ष्मण और हनुमान) की चोरी हुई थी और भारत से बाहर इनकी तस्करी की गई. ये संभवत: ब्रिटेन पहुंचाई गईं.


केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने बताया, "साल 1976 से अब तक हमने कई देशों से 53 कलाकृतियां बरामद की हैं जिनमें से 40 से ज्यादा 2014 के बाद वापस लाई गईं. ये कलाकृतियां हमारी थीं, इसके बावजूद हमें लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा. जिन राज्यों को ये कलाकृतियां लौटाई गई हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. कलाकृतियों की सुरक्षा और संरक्षा जरूरी है."


उन्होंने कहा कि सौभाग्य से तमिलनाडु के नागपत्तनम जिले के आनंदमंगलन स्थित श्री राजगोपाल विष्णु मंदिर में स्थापित इन मूर्तियों की तस्वीर 1958 में ली गई थी और दस्तावेजीकरण किया गया था जिससे इनकी पहचान हुई.


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